क्रिटिकल टेक्नोलॉजी ट्रैकर रिपोर्ट-2023 के अनुसार, भारत ने तकनीकी अनुसंधान के दो उभरते क्षेत्रों बायोलॉजिकल मैन्यूफैक्टरिंग और डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी में अमरीका को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) में भारत तीसरे स्थान पर है। सिर्फ दो देश अमरीका और चीन इससे आगे हैं। एआइ के इस क्षेत्र में डेटा एनालिटिक्स, एआइ एल्गोरिदम, हार्डवेयर एक्सेलेरेटर, मशीन लर्निंग, एडवांस इंटीग्रेटेड सर्किट डिजाइन एंड फैब्रिकेशन और एडवर्सरियल एआइ शामिल हैं।
भारत जैव ईंधन में दूसरे नंबर पर
भारत अभी तक किसी भी क्रिटिकल टेक्नोलॉजी में टॉप पर नहीं है लेकिन, उसने उच्च-विशिष्ट मशीन प्रक्रिया, एडवांस कम्पोजिट मेटेरियल, नेट के बुनियादी ढांचे का स्वतंत्र नेटवर्क, स्मार्ट मेटेरियल और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों में दूसरा स्थान हासिल किया है।
कई क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर
भारत कई प्रमुख टेक्नोलॉजी में भी तीसरे स्थान पर है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, ऑटोनोमस अंडरवाटर वीकल, सोनार और ध्वनिक सेंसर, फोटोनिक सेंसर, पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, फोटोवोल्टिक, परमाणु अपशिष्ट प्रबंधन, सुपरकैपेसिटर और एडवांस एयरक्राफ्ट इंजन शामिल हैं।
उत्कृष्ट शोध में भारत काफी पीछे
हालांकि, रिपोर्ट में भारत के शोध प्रयासों की एक बड़ी कमी को उजागर किया गया है। उत्कृष्ट शोध प्रदर्शन के मामले में हम काफी पीछे हैं। पिछले दो दशकों (2003-2023) में 64 टेक्नोलॉजी में से केवल पांच में भारतीय संस्थान शीर्ष पांच में शामिल हो पाए हैं।
चीन 57 टेक्नोलॉजी में आगे
चीन वैश्विक अनुसंधान चार्ट में शीर्ष पर है, जो 64 क्रिटिकल टेक्नोलॉजी में से 57 में हावी है। इसके विपरीत, अमरीका, जो 2003 और 2007 के बीच 60 टेक्नोलॉजी में आगे था, अब केवल सात क्षेत्रों में शीर्ष स्थान पर है, जिनमें क्वांटम कंप्यूटिंग, वैक्सीन और मेडिकल काउंटरमेजर्स शामिल हैं।
ब्रिटेन नीचे आया, जर्मनी मजबूत
ब्रिटेन की स्थिति में भी गिरावट आई है। अब यह 37 टेक्नोलॉजी में शीर्ष पांच में है, जबकि पिछले साल यह 44 टेक्नोलॉजी में था। यूरोपीय संघ दो क्षेत्रों – छोटे उपग्रह और गुरुत्वाकर्षण बल सेंसर – में टॉप पर है और 30 में दूसरे स्थान पर। जर्मनी मजबूती से 27 टेक्नोलॉजी के लिए शीर्ष पांच में बना हुआ है।