इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें एक अधिकारी दुकानदारों को चेतावनी देते दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहे अधिकारी के बारे में बताया जा रहा है कि वो खाद्य सुरक्षा अधिकारी हैं। वीडियो में अधिकारी दुकानदारों को चेतावनी देते हुए कह रहे हैं- “अगर एक भी किसी के यहां दिख गया तो बुलडोजर मंगवा कर वहां से यहां तक ना तोड़वा दिया तो कहना…तुमलोग यही चाहते हो तो यही होगा…।”
वीडियो में अधिकारी एक खुले हुए दुकान का लाइसेंस कैंसिल कहने के लिए भी कहते हैं। अधिकारी ने कहा- “मैडम इनका नाम नोट कीजिए, लाइसेंस इनका कैंसिल करिए…। तुम्हारे चलते अपनी नौकरी गवां दें हम?” जानकारी के मुताबिक, मेयर के निर्देश पर ये आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा- “आदेश हर साल जारी किया जाता है और प्रतिबंध केवल नवरात्रि के दौरान होता है।”
ऐसे में प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि हमने अपनी दुकानों में लाखों के मांस के उत्पाद रखे हैं। उनका ये भी कहना है कि हमारी आय का स्रोत बंद हो गया है, हमें हजारों का नुकसान होगा। वहीं, इसपर मेयर आशा शर्मा का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि मांस और शराब अलग-अलग चीजें हैं, जिनकी बराबरी नहीं की जा सकती। यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है। ऐसा हर बार होता है कि नवरात्रि के दौरान मंदिर के आसपास कच्चा मांस नहीं बेचा जा सकता है।
आपको बता दें, इससे पहले लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने त्योहारों के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने की कई अपीलें की थीं। गुरुवार को विधायक नंद किशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि उनके क्षेत्र में कई रेस्टोरेंट खुले में मीट बेच रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से बीमारी के किसी भी संभावित प्रसार को रोकने के लिए ऐसी दुकानों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था। तो वहीं इससे ठीक पहले ग़ाज़ियाबाद के जिलाधिकारी के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने पुलिस बल के साथ एक विशेष अभियान चलाया था। निरीक्षण के दौरान सेनेट्री ऐंड हाइजीनिक कन्डीशन एवं अन्य मानकों का अनुपालन ना करने वाले और अवैध रूप से चल रही मीट की दुकानों को तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया।