आनंद मोहन 1994 में मुजफ्फरपुर में गोपालगंज जिलाधिकारी जी कृष्णय्या की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के दौरान उनकी कार पर हमला होने पर कृष्णय्या की मौत हो गई थी।
साधु यादव फैक्टर राजद को पहुंचा सकता है नुकसान
सूत्रों ने बताया कि, राजद गोपालगंज और मोकामा उपचुनाव से पहले उनकी रिहाई की मांग कर रही थी। खासतौर पर गोपालगंज सीट पर राजद प्रत्याशी की जीत आसान नहीं है। गोपालगंज में आरजेडी और भाजपा के बीच मुकाबला है, लेकिन साधु यादव फैक्टर राजद को नुकसान पहुंचा सकता है। भाजपा के पास सवर्ण और व्यापारियों के अपने मूल मतदाता हैं। राजद के पास मुस्लिम, यादव, दलित और महादलित समुदाय के मतदाता हैं।
गोपालगंज उपचुनाव में है घमासान
गोपालगंज में साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव, राजद प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता और भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी मैदान में हैं। गोपालगंज लालू यादव का गृह जिला है। इंदिरा यादव, साधु यादव की पत्नी हैं। और तेजस्वी यादव की मामी हैं।
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Jharkhand CM Hemant Soren : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर ईडी का शिकंजा कसा, गुरुवार को पूछताछ के लिए तलबगोपालगंज में आनंद मोहन की रिहाई करेगी असर आनंद मोहन की रिहाई के बाद, गोपालगंज में राजपूत मतदाता राजद की ओर रुख कर सकते हैं। इसे भाजपा उम्मीदवारों का मुकाबला करने का एक तरीका बताया जाता है। और तेजस्वी यादव अपने चाचा साधु यादव का मुकाबला करने के लिए गोपालगंज में बार-बार अपने पिता लालू प्रसाद का नाम ले रहे हैं।