पार्टी से हो गए थे नाराज
2019 में लोकसभा सीट जीतने वाले बारला उस समय नाराज हो गए थे, जब पार्टी ने 2024 के चुनावों में अलीपुरद्वार से टिकट नहीं दिया। उनकी जगह मनोज तिग्गा को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था, इस चुनाव में तिग्गा को जीत मिली। इसके बाद से बारला ने बीजेपी से दूरी बनाना शुरू कर दी। इसके बाद चर्चा थी कि वह टीएमसी में शामिल हो सकते हैं।
बीजेपी पर लगाया धोख देने का आरोप
बारला जलपाईगुड़ी जिले के बानरहाट ब्लॉक के लखीपारा चाय बागान से आते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने डुआर्स में आदिवासी आबादी को धोखा दिया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा नागराकाटा विधानसभा क्षेत्र (उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र) में 45,000 वोटों से आगे थी, जबकि 2024 में यह टीएमसी से लगभग 3,500 वोटों से पीछे थी। यह दर्शाता है कि आदिवासी लोगों ने भाजपा का समर्थन करना बंद कर दिया है। बीजेपी ने खो दी मदारीहाट सीट
उन्होंने बताया कि हाल ही में अलीपुरद्वार में मदारीहाट विधानसभा उपचुनाव में (यह सीट खाली हो गई थी क्योंकि टिग्गा ने सांसद चुने जाने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था) भाजपा ने वह सीट खो दी जो वह 2016 से जीत रही थी। कई स्थानीय टीएमसी नेताओं का मानना है कि बारला उत्तर बंगाल के आदिवासी इलाकों में टीएमसी के आधार को मजबूत करने में मदद करेंगे।
क्या टीएमसी में होंगे शामिल
टीएमसी के एक नेता ने कहा कि जिस कार्यक्रम में उन्हें बुलाया गया है, वह आधिकारिक है और इस बात की संभावना नहीं है कि वह वहां पार्टी में शामिल होंगे। बेशक, यह आमंत्रण महत्वपूर्ण है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि वे घटनाक्रम पर नज़र रख रहे हैं।