इसीलिए बहुत से लोग इन्वेस्टमेंट के लिए एफडी को एक बेटर ऑप्शन मानते हैं। बहुत से बुजुर्ग लोग खासतौर पर जो पेंशन ले रहे हैं, वह लोग अपने पैसों को एफडी में इन्वेस्ट करतें हैं। ताकि उन्हें टाइम-टाइम पर उसका रिटर्न मिलता रहे। एफडी पर रिटर्न की बात की जाए तो एफडी लैडरिंग एक तरीका है। जिससे आप अपनी एफडी पर और ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं। आज आपको बताते हैं की यह किस तरह काम करता है यह तरीका कैसे आपको आर्थिक फायदा पहुंचा सकता है।
क्या होता है एफडी लैडरिंग?
एफडी लैडरिंग के बारे में अपने सुना होगा पर क्या आपको पता है की एफडी लैडरिंग होता क्या है। दरअसल एफडी में पैसों को निवेश करने की एक स्ट्रेटजी को एफडी लैडरिंग कहा जाता है। जो आपको ज्यादा रिटर्न दिलाने में हेल्प करती है। इसमें आप पूरे पैसे एक एफडी में निवेश करने के बजाय कुछ-कुछ अमाउंट अलग-अलग एफडी में इन्वेस्ट करते हैं। जिनकी अलग-अलग मैच्योरिटी डेट्स होती है। और इससे आप एक लैडर यानी एक सीढ़ी तैयार कर लेते हैं। जिससे आपको टाइम पर फंड मिलता है और इसके साथ ही इसका इंट्रेस्ट भी मिलता रहता है।
एफडी लैडरिंग से होने वाले बेनिफिट
बढ़ेगी लिक्विडिटी: जब आपकी एफडी थोड़े-थोड़े टाइम पर मेच्योर होंगी। तब आपके पास एक टाइम पीरियड के बाद फंड इकट्ठा होता रहेगा। जो आपको इमरजेंसी में काम आ सकता है। इसके साथ ही आप और जगहों पर इस फंड को निवेश भी कर सकते हैं। इंटरेस्ट का फायदा: अगर एफडी की इंटरेस्ट रेट बढ़ती है तो आप दोबारा से हाई इंटरेस्ट रेट में इन्वेस्ट कर सकते हैं। वही अगर इंटरेस्ट रेट नीचे आता है तो जो इन्वेस्ट आपने पहले किया होता है उस पर आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।
रेगुलर इनकम सोर्स: अगर आप एक से ज्यादा फडी में निवेश करते हैं आपको अलग-अलग एफडी पर ब्याज मिलता रहता है। इससे आपका रेगुलर इनकम सोर्स बन जाता है। वह लोग जो बिना जोखिम उठाएं रेगुलर इनकम पाना चाहते हैं उनके लिए यह काफी अच्छा है।
आसान है मेंटेन करना: पैसे इन्वेस्ट करने के बाद आपको अक्सर निगरानी करनी पड़ती है। लेकिन एफडी लैडरिंग बहुत आसान स्ट्रेटजी है। यहां आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं होती। आप एक बार एफडी सेटअप करते हैं और यह ऑटोमेटेकली काम करती रहती हैं। इससे आपको फाइनेंशियल स्टेबिलिटी मिलती है।