scriptArticle 370 Abrogation: धारा 370 हटने के पांच साल, घाटी में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद, चप्पे-चप्पे पर कड़ा पहरा | Five years after abrogation of Article 370, security in Jammu and Kashmir is tight | Patrika News
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Article 370 Abrogation: धारा 370 हटने के पांच साल, घाटी में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद, चप्पे-चप्पे पर कड़ा पहरा

Article 370 abrogation: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की आज पांचवीं वर्षगांठ है। धारा 370 को निरस्त करने के पांच साल पूरे होने पर सोमवार को जम्मू के अखनूर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

नई दिल्लीAug 05, 2024 / 10:22 am

Shaitan Prajapat

Article 370 Abrogation: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की आज पांचवीं वर्षगांठ है। धारा 370 को निरस्त करने के पांच साल पूरे होने पर सोमवार को जम्मू के अखनूर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अखनूर एलओसी इलाके में जगह-जगह चेकपोस्ट बनाई है और सुरक्षा बल के जवान गश्त कर रहे हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियां ​​भी अलर्ट मोड पर हैं। सुरक्षा बलों द्वारा वाहनों और दस्तावेजों की भी गहननता से जांच की जा रही है।

धारा 370 हटाने की पांचवीं वर्षगांठ

आपको बता दें कि पांच अगस्त, 2019 को धारा 370 हटाई गई थी, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। धारा 370 हटाने की पांचवीं वर्षगांठ के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में शहर से लेकर गांव तक कड़ी निगरानी की जा रही है ताकि पाकिस्तान से किसी भी तरह की घुसपैठ या अन्य घटनाओं को रोका जा सके।

घाटी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

दक्षिण जम्मू के पुलिस अधीक्षक अजय शर्मा ने कहा, आतंकवादी गतिविधि को देखते हुए हम हमेशा सतर्क रहते हैं। चाहे वह 5 अगस्त हो या 15 अगस्त। हम अपनी सुरक्षा तैयारियों के बारे में सबकुछ नहीं बता सकते। लेकिन, हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सुरक्षा के मामले में हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

आतंकीवादी हमलों में बढ़ोत्तरी

उल्लेखनीय है कि हाल के महीनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। जिसमें कठुआ में सेना के काफिले पर हमला और डोडा और उधमपुर में मुठभेड़ की घटनाएं शामिल हैं। बीते महीने जुलाई में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया था कि इस साल 21 जुलाई तक 11 आतंकवाद से संबंधित घटनाओं और 24 मुठभेड़ों या आतंकवाद विरोधी अभियानों में नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों सहित कुल 28 लोग मारे गए हैं।

भारतीय सेना दे रही हैं मुंहतोड़ जवाब

पिछले महीने, जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के मच्छल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम के हमले को भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया था, जिसमें एक पाकिस्तानी घुसपैठिया मारा गया था। इस हमले में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि मेजर रैंक के एक अधिकारी समेत चार अन्य घायल हो गए थे।

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