सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं
बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर व जगजीत सिंह दल्लेवाल ने वार्ता को बेनतीजा बताते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। हमने एमएसपी और कर्जमाफी की मांग पर सरकार को मंगलवार सुबह 10 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। हम सरकार के प्रस्ताव पर साथियों के साथ चर्चा करेंगे और दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। सरकार के पास 10 बजे तक का टाइम है, सरकार सोच ले।
एमएसपी और कर्ज माफी पर बात अटकी
बताया जाता है कि बैठक में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुई एफआइआर वापस लेने, आंदोलन के दौरान मारे गए किसान परिवारों के परिजनों को मुआवजा देने सहित कई मागों पर सहमति बन गई थी। लेकिन किसानों की मुख्य मांग एमएसपी और कर्ज माफी पर बात अटक गई। इस बीच दिल्ली में 12 मार्च तक रैली-प्रदर्शन पर रोक लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है। भीड़ जुटाने, लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। ट्रैक्टर लेकर राजधानी में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में अलर्ट जारी
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर सील कर दिए गए। इससे पहले पंजाब और हरियाणा के शंभू, खनौरी, दिल्ली के ङ्क्षसघु और टिकरी बॉर्डर पर सीमेंट के स्लैब, कंटीले तार और कीलें लगाकर रास्ता रोक दिया गया। गाजियाबाद बॉर्डर पर भी लोहे के बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों से किसानों के दिल्ली की ओर कूच करने की खबरें आ रही हैं। बताया जाता है कि किसान अपने साथ छह महीने का राशन लेकर ट्रैक्टर ट्रॉली से आ रहे हैं। पंजाब से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें किसान पुलिस की बैरिकेङ्क्षडग तोड़कर आगे बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।हरियाणा में बनाईं दो अस्थायी जेल
किसान आंदोलन का सबसे अधिक असर हरियाणा में पडऩे की आशंका है। इसे देखते हुए सिरसा के चौधरी दलबीर ङ्क्षसह इंडोर स्टेडियम और गुरु गोङ्क्षबद ङ्क्षसह स्टेडियम डबबाली में दो अस्थायी जेल बनाई गई हैं। राज्य में हालात संभालने के लिए केंद्र ने बीएसएफ और सीआरपीएफ की 64 कंपनियां भेजी हैं।राजस्थान में भी सख्ती
राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ और अनूपगढ़ जिले में आंदोलन को लेकर धारा 144 लागू की गई है। पंजाब और हरियाणा जाने वाले लोगों के लिए अलग से यातायात रूट बनाया गया है। इस रूट से लोग पंजाब व हरियाणा जा सकेंगे।कई मुद्दों पर सहमति
किसानों से वार्ता के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि गंभीरता से बात हुई है। अधिकतर विषयों पर हम सहमति पर पहुंचे हैं, कुछ विषयों पर कमेटी बनाने की जरूरत है।किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों और खेत मजदूरों की कर्ज माफी। 200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी और 700 रुपए प्रतिदिन मजदूरी। किसान व मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपए महीना दें।
कांग्रेस हमें कोई सपोर्ट नहीं करती
फतेहगढ़ साहिब, किसान संगठनों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “…कांग्रेस हमें कोई सपोर्ट नहीं करती है। हम कांग्रेस को भी उतना ही दोषी मानते हैं जितनी भाजपा दोषी है… हम किसी के पक्ष वाले लोग नहीं हैं। हम किसान और मजदूर की आवाज उठाने वाले लोग हैं।”