काफी समय से चल रही थी तलाश
पुलिस के अनुसार लंबे समय से इनकी तलाश कर रही थी। अधिकारियों के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी तब हुई जब 2022 में तीन भारतीय नागरिक गुरमीत सिंह, साहिल कुमार और विक्रम सिंह एक फ्लाइट से इस्तांबुल से आईजीआई हवाईअड्डे पहुंचे। इसके बाद मामले की जांच जांच शुरू हुई।
इस्तांबुल में नकली वीजा के कारण पकड़े गए
पुलिस उपायुक्त (आईजीआई एयरपोर्ट) उषा रंगनानी ने बताया कि उनकी यात्रा दस्तावेजों की जांच के दौरान पता चला कि ये लोग फर्जी वीजा से विदेश की यात्रा पर निकले थे। पुलिस उपायुक्त के अनुसार, पैक्स गुरप्रीत 7 नवंबर, 2022 को आईजीआई हवाई अड्डे से रवाना हुआ, पैक्स साहिल 16 नवंबर, 2022 को जयपुर से रवाना हुआ और विक्रम भी 14 नवंबर, 2022 को जयपुर से रवाना हुआ। सभी अजरबैजान जा रहे थे। वहां से वे 18 नवंबर, 2022 को इस्तांबुल पहुंचे जहां नकली गुयाना वीजा के आधार पर उन्हें प्रवेश से रोका गया।
20 लाख में हुई थी डील
इसके बाद जांच में साहिल ने खुलासा किया कि वह आजीविका कमाने के लिए विदेश जाना चाहता था और उसकी यात्रा की व्यवस्था एजेंट केवल सिंह और उसके सहयोगी एजेंटों उदित मोगा और सागर डबास ने 20 लाख रुपए में की है। इसमें से दो लाख रुपए उन्हें दिए गए थे। शेष राशि का भुगतान गुयाना पहुंचने के बाद किया जाएगा। दिल्ली पुलिस को जानकारी मिलने के बाद जांच में जुट गई।