AI ने बढ़ाई पारदर्शिता
CJI ने कहा कि AI और तकनीकी के इस्तेमाल से बदलाव आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के AI युक्त अनुवाद सॉफ्टवेयर ‘सुवास’ की मदद से निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। खुलापन स्पष्टता लाता है। अदालतों में वर्चुअल सुनवाई अब एक मानक प्रथा बन गई है। इस बदलाव ने वादियों, वकीलों और आम जनता के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाया है। वकील अब देश भर की अदालतों में पेश हो सकते हैं, जिससे नागरिकों को कानूनी सलाह सुलभ है। वादी भी अपनी सुनवाई में लॉग इन कर कार्यवाही को सीधे देख सकते हैं। CJI ने कहा कि AI के जरिये कोर्ट की कार्यवाहियों की ट्रांस्क्रिप्ट्स तैयार होने से आई पारदर्शिता ने न्यायशास्त्र की गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ाई है। इन ट्रांस्क्रिप्ट्स से भविष्य में कानून के विद्यार्थियों और वकीलों के लिए निर्णयों के परिप्रेक्ष्य समझने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि वकीलों का सामान्य काम AI से पूरा होने पर उन्हें केस स्टडी, रणनीति और बेहतर तर्कशक्ति के लिए ज्यादा समय मिलेगा।
हर अदालत में बने ई-सेवा केंद्र
सीजेआइ ने हर न्यायालय में ई-सेवा (E-Service) केन्द्र स्थापित करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि ई-सेवा केंद्रों में अदालती फैसले-आदेश उपलब्ध हों और ई-फाइलिंग में भी मदद मिले। हमें आम लोगाें के प्रति समानता और समर्थन को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रौद्योगिकी के मामले में कोई भी पीछे न छूटे।