190 घंटे का मैराथन प्रयोग
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि संभवत: यह पहला अवसर है जब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय प्रदेशों में भूकंपीय आंकड़े एकत्रित किए गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि लैंडर विक्रम अत्याधुनिक उपकरण सिलिकॉन माइक्रो-मशीनिंग सेंसर तकनीक से लैस है और इसने अत्यंत सूक्ष्म चंद्र कंपन को भी दर्ज किया। इसरो वैज्ञानिकों की टीम ने चंद्रयान-3 उपकरण से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर विज्ञान पत्रिका इकारस में अपना शोधपत्र प्रकाशित किया है। सबसे लंबा भूकम्प 14 मिनट का
लैंडर के पे-लोड इलसा ने चंद्र भूकंपनीयता का सबसे लंबा दौर 14 मिनट का दर्ज किया है। लेकिन यह कम्पन रोवर की चहलकदमी की है। आंकड़ों से पता चलता है कि जब रोवर प्रज्ञान, लैंडर विक्रम के करीब से गुजर रहा था तो भूकंपीय संकेत तीव्र थे। लगभग 26 किग्रा वजनी रोवर 1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चंद्रमा की सतह पर चल रहा था। लैंडर से 7 मीटर दूरी तक झटकों की तीव्रता उच्च रही। लेकिन जब दूरी 12 मीटर हो गई तो भूकंपीय संकेतों की तीव्रता क्षीण होने लगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि भविष्य में चंद्रमा पर बस्तियां बसाई जाती हैं तो इस तरह के अध्ययन काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे।