अलग-अलग तीव्रता के आते रहे हैं भूकंप
आपको बताते चलें, जम्मू-कश्मीर के चिनाब घाटी क्षेत्र में अलग-अलग तीव्रता के भूकंप आते रहे हैं, जिसमें डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जिले शामिल हैं। पिछले पांच से सात सालों में इन भूकंपों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। केंद्र शासित प्रदेश में भूकंप से पहले भी तबाही देखने को मिली है। कश्मीर घाटी भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। 2005 में आया था खतरनाक भूकंप
साल 2005 में 8 अक्टूबर को सुबह 8.50 बजे जम्मू-कश्मीर में रिक्टर पैमाने पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के मुजफ्फराबाद शहर से 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित था।
उतरी भारत और पाकिस्तान में हुई थी भारी तबाही
इस भूकंप से उत्तरी पाकिस्तान, उत्तरी भारत और अफगानिस्तान में भारी तबाही हुई थी। मुजफ्फराबाद क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था और वहां के कई गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए थे। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और श्रीनगर, बारामुला जिलों सहित कश्मीर घाटी के विभिन्न शहरों में करीब 32,335 इमारत ढह गई थीं।
जम्मू-कश्मीर में करीब 1,350 लोगों की हुई थी मौत
आधिकारिक तौर पर पीओजेके और पाकिस्तान के एनडब्ल्यूएफपी में मरने वालों की संख्या 79 हजार बताई गई, जबकि अन्य स्रोतों के अनुसार यह संख्या 86 हजार थी, जबकि घायलों की संख्या 69 हजार से ज्यादा होने का अनुमान था। जम्मू-कश्मीर में करीब 1,350 लोग मारे गए थे और 6,266 घायल हुए और भूकंप के झटके 1,000 किलोमीटर दूर दिल्ली तक महसूस किए गए थे।