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अब गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जाएगा राष्ट्रपति भवन का दरबार हॉल, खास मौकों पर होता है इस्तेमाल

Raashtrapati Bhavan: राष्ट्रपति भवन के अंदर स्थित दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदल दिया गया है।

नई दिल्लीJul 25, 2024 / 03:09 pm

Prashant Tiwari

राष्ट्रपति भवन की तरफ से गुरुवार को जानकारी दी गई है कि राष्ट्रपति भवन के अंदर स्थित दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदल दिया गया है। राष्ट्रपति भवन के द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज के मुताबिक, दरबार हॉल का नाम अब गणतंत्र मंडप और अशोक हॉल का नाम अशोक मंडप होगा।
राष्ट्रपति भवन तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए लिया गया फैसला

राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि राष्ट्रपति भवन देश का प्रतीक है और समृद्ध विरासत का संकेत देता है। लगातार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति भवन तक लोगों की पहुंच बढ़ाई जाए। इसके अलावा राष्ट्रपति भवन की पहचान को भारतीय संस्कृति के मूल्यों और भावनाओं के साथ जोड़ा जा रहा है। इसी विचार के आधार पर ही राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल का नाम अब गणतंत्र मंडप रहेगा।
लोकतंत्र में दरबार जैसा शब्द नहीं-राष्ट्रपति सचिवालय
राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया कि भारत अब एक गणतंत्र है। ऐसे में दरबार जैसा शब्द इस्तेमाल करना सही नहीं है। भारतीय समाज में गणतंत्र की परिभाषा प्रचाीन है। इसलिए दरबार हॉल का नाम अब गणतंत्र मंडप कर दिया गया है। वहीं अशोक हॉल का इस्तेमाल बॉलरूम के तौर पर होता रहा है। अशोक का अर्थ होता है- किसी भी तरह के शोक से मुक्त होना है। ऐसे में अशोक नाम को बनाए रखा जाएगा, लेकिन उसके साथ अब हॉल की जगह मंडप शब्द जोड़ा जाएगा।
कब होता है इनका इस्तेमाल? 

बता दें कि दरबार हॉल का इस्तेमाल राष्ट्रपति भवन में होने वाले महत्वपूर्ण आयोजन के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय सम्मान भी यहीं पर प्रदान किए जाते हैं। वहीं, अशोक हॉल का इस्तेमाल बॉलरूम के तौर पर होता रहा है।
 Durbar Hall Will be known as ganatantra mandap of Rashtrapati Bhavan
नाम बदलने पर सरकार ने क्या दलीलें दी?

अशोक हॉल का नाम बदलने के फैसले पर सरकार ने कहा कि ‘अशोक मंडप’ नाम ‘भाषा में एकरूपता लाता है और अंग्रेजीकरण के निशान मिटाता है’ और इसके साथ ही ‘अशोक’ शब्द से जुड़े मूल मूल्यों को भी बरकरार रखता है।
इसके अलावा बयान में कहा गया है, “अशोक शब्द का अर्थ है- वह व्यक्ति जो ‘सभी कष्टों से मुक्त’ हो या ‘किसी भी दुख से ना जुड़ा’ हो। इसके साथ ही, ‘अशोक’ का मतलब सम्राट अशोक से है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक हैं। भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह शीर्ष है. यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है, जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है।”

यह शहंशाह की अवधारणा- प्रियंका गांधी
दरबार हॉल का नाम बदले जाने के बाद कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर पटलवार किया है. उन्होंने कहा, “दरबार की कोई अवधारणा नहीं है, लेकिन ‘शहंशाह’ की अवधारणा है।”

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