इस बीच मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहन ने रविवार को स्कूलों को खोले जाने को लेकर एक बड़ी बात कही है। डॉ. त्रेहन ने कहा कि जब तक बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता है, तब तक कम से कम दो-तीन महीने तक स्कूलों को नहीं खोला जाना चाहिए। हमें दो-तीन महीने और इंतजार करना चाहिए।
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डॉ. त्रेहान ने कहा, “मेरा मानना है कि हमें बहुत अधिक सतर्क रहना चाहिए और तथ्य यह है कि बच्चों का वैक्सीन अब मिल चुका है.. सरकार ने अभी-अभी जायडस कैडिला की ZyCoV-D वैक्सीन को मंजूरी दी है। इसलिए भले ही लोगों को एक खुराक मिल जाए.. हम जानते हैं कि सुरक्षा 30 फीसदी से 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। इसलिए, हमें वैक्सीन आने तक और दो-तीन महीने तक धैर्य रखना चाहिए और बच्चों को टीका लगवाना चाहिए। फिर बच्चों को स्कूल जाने दिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि हम अभी स्कूल खोलने की हड़बड़ी में हैं।”
बता दें कि डॉ. त्रेहान की यह टिप्पणी तब आई जब दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कक्षा 9-12वीं कक्षा के लिए 1 सितंबर से स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा की है। वहीं 8 सितंबर से 6-8वीं कक्षा तक के स्कूल खुलेंगे।
स्कूल खोलने से पहले हर पहलू का रखना चाहिए ध्यान: डॉ. त्रेहन
मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. त्रेहन ने आगे कहा, “अमरीका में स्कूल खुल गए लेकिन टीकाकरण के बाद भी कई बच्चे संक्रमित हो गए। अगर आप इतिहास पर नजर डालें तो अमरीका में क्या हो रहा है जहां स्कूल फिर से खुल गए और बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हो गए। टीका लगाया गया है क्योंकि टीका जल्द ही उपलब्ध हो गया था।” अमरीका में बाल रोग संघ का कहना है कि स्कूलों के फिर से खुलने के बाद मामलों की संख्या जुलाई में प्रति सप्ताह 38,000 से बढ़कर अगस्त में प्रति सप्ताह 180,000 हो गई है।
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स्कूलों को फिर से खोलने से पहले अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में बताते हुए डॉ त्रेहन ने कहा, “हमें इसके हर पहलू को देखना होगा। मुख्य रूप से, सभी छात्रों को स्कूल जाते समय टीकाकरण किया जाना चाहिए। इसके अलावा, वहां उचित वेंटिलेशन हो, सामाजिक दूरी और मास्किंग की सभी सावधानियों का शत-प्रतिशत पालन किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा “फ्लोरिडा से एक चेतावनी है, जो कहती है कि अस्पताल बच्चों से भरे हुए हैं और उनके पास कोई सुविधा नहीं बची है। इसलिए, हमें इसे भारत के परिप्रेक्ष्य में देखना होगा जहां बच्चों का टीकाकरण बिल्कुल नहीं हुआ है।” बच्चों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता के बारे में याद दिलाते हुए डॉ त्रेहन ने कहा, “यदि बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ते हैं तो वास्तव में उनकी देखभाल करने के लिए हमारे पास सुविधाएं नहीं हैं। हम कमर कस रहे हैं, लेकिन हम अभी भी अच्छी सुविधाओं से बहुत दूर हैं क्योंकि हमारे पास पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं जो बाल रोग विशेषज्ञ हैं, बच्चों के लिए पर्याप्त आईसीयू और वेंटिलेटर नहीं हैं, हम तैयारी कर रहे हैं और जितनी जल्दी हो सके सरकार सभी की उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश कर रही है।”