मुख्यमंत्री बनना चाहते थे डीके शिवकुमार
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव का जब एलान हुआ था, तब से ही शिवकुमार सीएम पद पर अपनी दावेदारी जता रहे थे। वहीं सिद्धारमैया भी मुख्यमंत्री की रेस में थे। कर्नाटक में कांग्रेस को प्रचंड जीत दिलाकर सत्ता में लाने में शिवकुमार की भूमिका सबसे ज्यादा रही और इसके लिए शिवकुमार ने खूब मेहनत भी की थी। यही वजह रही कि शिवकुमार का दावा काफी मजबूत माना जा रहा था और वो अपना दावा भी जता रहे थे।
लेकिन रिजल्ट आने के बाद से इस तरह की खबरें मिडिया से खूब आती थी की विधायक दल के चुनाव में सिद्धारमैया का पलड़ा भारी रहा, और वो इस रेस में बढ़त बनाए हुए हैं। इसके बावजूद शिवकुमार सीएम पद लेने पर अड़े थे। वो इससे नीचे का पद लेने को तैयार नहीं थे। अब कांग्रेस नेतृत्व के काफी मनाने के बाद शिवकुमार डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी हो गए हैं।
डीके शिवकुमार क्या बोले
खुद को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर जब डीके शिवकुमार से सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था- पार्टी मेरी मां है, और मेरे लिए अंत में पार्टी आलाकमान और गांधी परिवार का फैसला ही अंतिम फैसला होता है। उन्होंने मुझको जो आदेश दिया है वही आदेश मेरे लिए सबकुछ है, उन्होंने मुझे जो कुछ भी करने को कहा है, मैं वही करूंगा। इसी बीच उनके भाई डीके सुरेश ने जिस तरह का बयान दिया है उससे एकजुटता में कमी आने की संभावना है।
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20 मई को हो सकता है शपथ ग्रहण
पार्टी अध्यक्ष खरगे ने 17 मई देर रात संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला से लंबी चर्चा की और फिर सिद्धरमैया तथा शिवकुमार से अलग-अलग बातचीत कर उन्हें इस फार्मूले पर मना लिया। बताया जा रहा है कि 20 मई को दोपहर 12:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा। बेंगलुरु में आज बृहस्पतिवार शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें इसकी ऑफिसियल अनाउंसमेंट की जा सकती है।
बता दें कि, कर्नाटक में पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के लिए पिछले 3 दिन से कांग्रेस में मंथन का दौर जारी था। कांग्रेस विधायक दल की गत रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष खरगे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।