आयुर्वेद विवि ने चिकित्सा मंत्र का पहला ट्रायल रात्रि सूक्तम् मंत्र पर किया। विवि के अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र पर आने वाले मरीजों पर इसका सफल ट्रायल किया गया। बताया जाता है कि बासनी निवासी अनिल 15 साल से अफीम का सेवन कर रहा था। अफीम छोडऩे के बाद उसे रात में नींद नहीं आ रही थी। वह केवल डेढ़ से दो घंटे सो पा रहा था। अस्पताल में अनिल को ईयर बड लगाकर रात्रि सूक्तम् मंत्र सुनाया गया, जो पांच मिनट का है। एक सप्ताह में ही अनिल को 5 से 6 घंटे की नींद आने लगी।
इन बीमारियों में मिलेगी मदद
दिनचर्या बिगडऩे के कारण लोगों में डायबिटीज, तनाव, ब्लड प्रेशर, कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं। चिकित्सा मंत्रों का उपयोग इन बीमारियों को ठीक किया जाएगा। विवि में प्रसव के लिए काम आने वाले चावन मंत्र, शावर मंत्र, गायत्री मंत्र, विष्णु सहस्त्रानाम् सहित अन्य मंत्रों पर शोध किया जा रहा है। इससे गुस्सा व तनाव को कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सकारात्मक प्रभाव
ग्रंथों में लिखे हुए मंत्रों पर चिकित्सकीय शोध कार्य चल रहा है। योग साधना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। प्रो. पीके प्रजापति, कुलपति, आयुर्वेद विवि जोधपुर