गौरतलब है कि गुजरात में आए चक्रवात में 2 सितंबर की रात को एक ALH ध्रुव को समुद्र में आपात लैडिंग करनी पड़ी थी। इसके कारण दो पायलट और एक गोताखोर की मौत हो गई। एक गोताखोर का शव अभी नहीं मिला है। यह घटना उस समय हुई जब हेलीकॉप्टर निकासी के लिए पोत पर पहुंच रहा था। इस दुर्घटना में ICG के कमांडेंट राकेश राणा, सह-पायलट डिप्टी कमांडेंट विपिन बाबू और एक अन्य फ्लाइट डाइवर के शव बरामद किए हैं।
नाक के बल गिरा था Dhruv MK III Advanced Light Helicopter
ICG अधिकारियों ने बताया कि आरंभिक जांच में सामने आया है कि पोरबंदर स्थित 835 स्क्वाड्रन का हेलीकॉप्टर (टेल नंबर सीजी 863) समुद्र में नाक के बल गिरा था। सभी तटरक्षक इकाइयों और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को आदेश दिया गया है कि ध्रुव बेड़े की जांच कर मुख्यालय भेजें।
पहले भी लग चुकी है ALH ध्रुव रोक
ALH ध्रुव पर पहले भी रोक लगाई जा चुकी है। इसके डिजाइन में खामियों के कारण कई दुर्घटनाएं हुई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने इसके उड़ान पर रोक लगा दी थी। HAL ने इसके बूस्टर कंट्रोल रॉड की व्यापक डिजाइन समीक्षा की गई। रॉड बदलने के बाद इसकी सुरक्षा जांच कर बेड़े को अपग्रेड किया गया। आपको बता दें कि इस समय सशस्त्र बल करीब 330 ट्विन-इंजन ALH संचालित कर रहे हैं।