हाई कोर्ट ने क्या दिया था फैसला
पिछले महीने हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से 5 जनवरी तक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को कहा था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि केंद्रीय योजना राष्ट्रीय राजधानी में लागू हो। आप सरकार दिल्ली में केंद्रीय योजना का विरोध करते हुए कह रही है कि शहर को राज्य सरकार की योजनाओं के तहत “बेहतर लाभ” मिल रहा है। यह मामला भाजपा और आप के बीच राजनीतिक हमलों को बढ़ाने की धमकी देता है, क्योंकि शहर अपनी अगली सरकार चुनने के लिए महत्वपूर्ण चुनावों की तैयारी कर रहा है।
दिल्ली सरकार ने दिया ये तर्क
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने आज शीर्ष अदालत में तर्क दिया कि केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें मजबूर करके, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य के संबंध में केंद्र सरकार की शक्तियों को फिर से परिभाषित किया है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह इस योजना को पूरी तरह लागू करे ताकि निवासियों को फंड और सुविधाओं से वंचित न होना पड़े। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि दिल्ली में ABHIM योजना को लागू न करना उचित नहीं होगा क्योंकि 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे पहले ही लागू कर चुके हैं।