कैसे घायल हुए दिल्ली पुलिस के बहादुर ASI
दिल्ली के मायापुरी थाने में तैनात एएसआई शंभू दयाल पर चार जनवरी को मोबाइल की झपटमारी के आरोप में पकड़े गए बदमाश ने चाकू से ताबड़तोड़ हमले किए थे। घटना के बारे में पुलिस ने बताया कि बुधवार को मायापुरी फेज-1 निवासी एक महिला ने अपने पति का मोबाइल फोन छीने जाने और उसे धमकी मिलने की शिकायत दी थी। एएसआई दयाल मौके पर पहुंचे जहां शिकायतकर्ता ने आरोपी की पहचान की। जिसके बाद शंभू दयाल ने आरोपी अनीश को पकड़ा और उसे थाने लेकर जा रहे थे।
इसी दौरान आरोपी ने अपनी शर्ट में छिपाकर रखा चाकू निकाला और दयाल के गले, सीने, पेट और पीठ वार कर दिया। इस हमले में एएसआई बुरी तरह से जख्मी हो गए। लेकिन बदमाश के हमले के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। बदमाश अनीश उनपर हमला करते रहा लेकिन वो जूझते रहे। उन्होंने बदमाश को तबतक नहीं छोड़ा जब तक कि दूसरे पुलिस वाले मौके पर पहुंचकर उसे पकड़ न लिया।
अस्पताल में चार दिनों तक लड़ने के बाद त्यागे प्राण
बदमाश के हमले से बुरी तरह से जख्मी हुए शंभू दयाल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वो चार दिनों तक लड़े लेकिन रविवार सुबह उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि एक ऑन-ड्यूटी अधिकारी की हत्या के आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शंभू दयाल की वीरता को हमेशा किया जाएगा यादः डीसीपी
शंभू दयाल की शहादत पर पर डीसीपी (पश्चिम) घनश्याम बंसल ने कहा कि एएसआई दयाल अस्पताल में चार दिनों तक लड़े और रविवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने दिल्ली पुलिस बल में लगभग 30 वर्षों तक सेवा की। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों से बचे हैं। उनकी वीरता को हमेशा याद किया जाएगा। हम उनके परिवार के साथ लगातार संपर्क में हैं और उनकी मदद करेंगे।
1993 में कांस्टेबल के रूप में हुए थे बहाल
दयाल 1993 में एक कांस्टेबल के रूप में बल में शामिल हुए थे। वह हाल ही में मायापुरी थाने में शामिल हुआ था और उसे पेट्रोलिंग ड्यूटी सहित अलग-अलग बीट दी गई थी। उनके रिश्तेदारों ने कहा कि उनकी पत्नी संजना (53) और तीन बच्चे गायत्री (25), दीपक (21) और प्रियंका (19) के लिए वो एकमात्र सहारा थे। उनकी शहादत से परिवार को पर दुखों का पहाड़ टूटा है।
शहीद के साले ने कहा- जब चोर चाकू मार रहा था तब किसी ने नहीं की मदद
शहीद एएसआई शंभू दयाल के साले जयकिशन मीणा ने कहा कि वह एक नेक इंसान थे और सभी की मदद करते थे। वह सुबह 10-11 बजे घर से निकल जाते और आधी रात के करीब घर वापस आते थे। उन्होंने कभी शिकायत नहीं की। मैं इस बात से निराश हूं कि जब चोर उन्हें चाकू मार रहा था तब किसी भी राहगीर ने उसकी मदद नहीं की। जब पुलिस हमारी मदद कर सकती है तो क्या जब कोई खतरे में हो तो हमें उनकी मदद नहीं करनी चाहिए? वो तब तक लड़े जब तक कि अन्य पुलिसकर्मी उनकी सहायता के लिए नहीं आए।
साथी जवान बोले- वे बूढ़े थे लेकिन बहुत सक्रिय थे
मायापुरी पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल के फुटेज बरामद किया है। इसमें दयाल चोर से लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। आसपास के लोग देख रहे हैं। साथी जवानों ने कहा कि वे बूढ़े थे लेकिन बहुत सक्रिय थे। शायद ही कोई छुट्टी लेते थे। उस दिन हम उनके साथ जा रहे थे लेकिन हमें नहीं पता था कि आरोपी के पास चाकू है।
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने दयाल को श्रद्धांजलि दी है। वहीं दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया कि बीती चार जनवरी को मायापुरी थाने में तैनात ASI शंभु दयाल एक स्नैचर को पकड़ने के दौरान चाकू से हमला किये जाने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बीएलके हॉस्पिटल में इलाज के दौरान आज वे शहीद हो गए। हमें अपने इस बहादुर अधिकारी के साहस और कर्तव्यनिष्ठा पर गर्व है। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
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