केजरीवाल सरकार ने औपचारिक रूप से राजधानी में संचालित होने वाली शराब की करीब 600 सरकारी खुदरा दुकानें बंद करने का फैसला लिया है। यही नहीं मंगलवार की रात से इस व्यापार को अलविदा कह रही है।
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Air Pollution: प्रदूषण कंट्रोल के लिए दिल्ली-यूपी-हरियाणा की बैठक, वर्क फ्रॉम होम और कंस्ट्रक्शन पर रोक का प्रस्ताव दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद इस बात की आशंका जताई है कि राजधानी में शराब की सरकारी खुदरा दुकानें बंद होने के कारण शराब की कमी हो सकती है, क्योंकि सभी 850 निजी दुकानें बुधवार से काम करना शुरू कर देंगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
पहले दिन इतनी दुकानों के चलने का अनुमान
सभी 32 जोन के आवेदकों को लाइसेंस दिया जा चुका है, लेकिन नई आबकारी नीति के तहत पहले दिन से करीब 300-350 दुकानों के काम करने की संभावना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 350 दुकानों को प्रोविजनल लाइसेंस जारी किया गया है। 200 से ज्यादा ब्रांड 10 होलसेल लाइसेंस धारकों के साथ पंजीकृत हैं और उन्होंने अभी तक विभिन्न ब्रांड की नौ लाख लीटर शराब खरीदी है।
हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि धीरे-धीरे सभी 850 शराब की दुकानें संचालित होने लगेंगी और और फिर कोई कमी नहीं रहेगी। दरअसल ऐसा पहली बार होगा जब दिल्ली में शराब की सभी सरकारी दुकानें बंद होंगी और यह पूरा व्यापार निजी हाथों में चला जाएगा।
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बता दें कि निजी शराब की दुकानें 30 सितंबर को पहले ही बंद हो चुकी थीं, और जो भी सरकारी दुकानें डेढ़ महीने की ट्रांजिशन अवधि में काम कर रही थीं, वे भी मंगलवार रात से अपना कारोबार खत्म कर देंगी।