हालांकि अभी मनीष सिसोदिया को इस बात की राहत मिल सकती है कि ईडी की कार्रवाई में कुछ समय लगेगा। दरअसल ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से पहले CBI केस का ब्यौरा और विभिन्न सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों के इसमें शामिल होने की जांच करेगी। इसके बाद ही मनीष सिसोदिया की बारी आ सकती है।
यह भी पढ़ें – डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के यहां CBI की रेड के बाद LG का बड़ा आदेश, 12 IAS अफसरों का तबादला दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने एक एफआईार दर्ज करने के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और एक आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के ठिकानों के अलावा 19 स्थानों पर शुक्रवार को रेड की थी।
मनीष सिसोदिया के घर 14 घंटे की छापेमारी के बाद सीबीआई की टीम ने डिप्टी सीएम के घर से सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए हैं। इसके बाद जांच एजेंसी ने सिसोदिया के खिलाफ FIR भी दर्ज कर ली। इस एफआईआर में मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी के तौर पर पेश किया गया है। यानी उन्हें आरोपी नंबर 1 बताया है।
– मनीष सिसोदिया, डिप्टी सीएम, दिल्ली
– आर्व गोपी कृष्ण, तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर
– आनंद तिवारी, एक्साइज डिप्टी कमिश्नर
– पंकज भटनागर, असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर
– विजय नैयर, CEO, एंटरटेनमेंट इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, मुंबई
– मनोज राय, पूर्व कर्मचारी, पेर्नोड रेकोर्ड
– अमनदीप ढाल, डायरेक्टर, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, महारानी बाग
– समीर महेंद्रु, मैनेजिंग डायरेक्टर, इंडोस्प्रिट ग्रुप, जोरबाग
– अमित अरोड़ा, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, डिफेंस कॉलोनी
– बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
– दिनेश अरोड़ा, गुजरावाला टाउन, दिल्ली
– महादेव लिकर, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया
– सनी मारवाह, महादेव लिकर
– अरुण रामचंद्र पिल्लई, बंगलुरु, कर्नाटक
– अर्जुन पांडेय, गुरुग्राम फेस-3, डीएलएफ
FIR कॉपी के मुताबिक, अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अरुण पांडे शराब व्यापारियों से कमीशन लिया करते थे। यही नहीं कमीशन के बदले में ही लाइसेंस भी दिया जाता था। अब ये चारों ही मनीष सिसोदिया के करीबी बताए जा रहे हैं। ऐसे में सिसोदिया पर सीबीआई का शिकंजा और कस सकता है।
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