राजकुमार आनंद ने कहा था कि मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, मैं चाहता तो दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे सकता था लेकिन मैं अपनी विधानसभा की जनता से पूछ कर फैसला लूंगा। यदि वह कहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। वह झूठ और मक्कारी के साथ नहीं रह सकते हैं।”
उन्होंने कहा था कि मैंने किसी के दबाव में इस्तीफा नहीं दिया। यह भी कहा था कि यदि मैंने जब मंत्री पद से इस्तीफा दिया तो मैं चाहता तो दिल्ली की विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे सकता था। लेकिन मेरे क्षेत्र के लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। मैंने सोचा हुआ है कि ग्रुप में लोगों से पूछ कर यह फैसला लूंगा कि दिल्ली की विधानसभा से इस्तीफा देना चाहिए या नहीं।
अगर वह कहते हैं तो मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा। राजकुमार आनंद ने कहा था कि मैंने अपने कैंप ऑफिस के जरिए मुख्यमंत्री आवास पर अपना इस्तीफा भिजवा दिया था। जो उन्हें मिल गया होगा। मुझे अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा था कि मेरा कोई ईडी में केस भी नहीं है। जो लोग मेरे घर आए थे वह शराब घोटाले के मनी ट्रेल को ढूंढते हुए आए थे। मेरे यहां कोई मनी ट्रेल नहीं मिली और न मैं किसी भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त पाया गया।