इन आंकड़ों के मुताबिक बीते 6 वर्षों में नवंबर का महीने राजधानी में सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा है। यानी दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित पाई गई है। आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के पूरे महीने में एयर क्वालिटी इंडेक्स औसत 377 दर्ज किया गया है, जो हवा की गंभीर श्रेणी में आता है।
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Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा बहुत जहरीली, AQI 402 पहुंचने पर दोबारा खुले स्कूल-कॉलेज CPCB के आंकड़ों के मुताबिक बीते 6 सालों के मुकाबले दिल्ली-NCR के लोगों को इस साल नवंबर में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस लेना पड़ी।
इस साल नवंबर के लिए औसत एक्यूआई 377 था जो पिछले वर्ष यानी 2020 के औसत आंकड़े 327 से 50 अंक ज्यादा रहा।
SAFAR के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग के मुताबिक अक्टूबर और नवंबर में हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है, लेकिन इस साल सबसे खराब स्थिति नवंबर में स्थानांतरित हो गई। इसकी बड़ी वजह रही पश्चिम विक्षोभ और मानसून की वापसी में देरी, जिसके चलते अक्टूबर के महीने में हवा का स्तर अच्छा रहा।
जबकि नवंबर के महीने में दिल्ली में पीएम 2.5 के स्तर तक पराली जलाने का योगदान इस साल नवंबर में चरम पर पहुंच गया, जो 7 नवंबर को 48 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गया और फिर 12 नवंबर को लगभग 35 प्रतिशत तक गिर गया था। वहीं महीने के अंतिम दिन यानी 40 नवंबर को दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की कुल हिस्सेदारी सिर्फ 1 फीसदी रह गई।
नवंबर के महीने में हवा का हालवर्ष –
AQI औसत2021 – 377
2020 – 327
2019 – 312
2018 – 334
2017 – 360
2016 – 374
2015 – 358
नवंबर के 11 दिन गंभीर श्रेणी में रही हवाइस साल, नवंबर में 11 ऐसे दिन थे जिनमें हवा में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी का था। ऐसे दिन पिछले साल 2020 में 9, 2019 में 7 और साल 2018 में सिर्फ 5 ही थे।
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