अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दर्ज की FIR
सोशल मीडिया में वायरल इस वीडियो को ‘जीएसटी को गोपनीय रखने के पीछे का कारण स्वयं वित्त मंत्री से सुनिए’ की टिप्पणी के साथ साझा किया गया है। इसका असली वीडियो किसी और का है। उसे डीप फेक के जरिए महिला का चेहरा बदलकर निर्मला सीतारमण का चेहरा लगा दिया गया है। इस घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि डीप फेक वीडियो जैसी तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की यह कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है, जिससे भविष्य में इस प्रकार के अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।डीप फेक वीडियो के खतरे
भ्रम और अफवाह: डीप फेक वीडियो के माध्यम से जनता में भ्रम और अफवाह फैलाना आसान हो जाता है, जिससे समाज में तनाव और अस्थिरता पैदा हो सकती है।व्यक्तिगत प्रतिष्ठा पर हमला: इस प्रकार के वीडियो किसी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उनकी छवि खराब कर सकते हैं।
साइबर अपराध: डीप फेक वीडियो साइबर अपराधों का एक हिस्सा बनते जा रहे हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती है।
कानूनी कार्रवाई
साइबर कानून: डीप फेक वीडियो बनाने और फैलाने वालों के खिलाफ सख्त साइबर कानूनों के तहत कार्रवाई की जा रही है।सजा: दोषियों को सजा दिलाने के लिए संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाता है, जिससे अन्य लोगों को भी इस प्रकार की हरकतों से बचने की चेतावनी मिलती है।
रोकथाम के उपाय
तकनीकी जागरूकता: जनता को डीप फेक वीडियो की पहचान करने और उन्हें फैलाने से बचने के लिए जागरूक करना आवश्यक है।साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए तकनीकी उपायों और सुरक्षा नीतियों को लागू करना जरूरी है।
कानूनी सुधार: साइबर अपराधों से निपटने के लिए कानूनों में सुधार और उन्हें सख्ती से लागू करना जरूरी है।