अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी ने क्या कुछ कहा
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, स्पीकर महोदय मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं। मैंने पिछली बार अडानी के मुद्दे पर जोर से बोला था। उससे सीनियर नेता को कष्ट हुआ। लेकिन आपको अब डरने की जरूरत नहीं है। आज मेरा भाषण अडानी पर नहीं बोलने जा रहा है। आप रिलेक्स कर सकते हैं। मेरा भाषण आज दूसरी दिशा में जा रहा है।
रूमी को कोट करते हुए राहुल गांधी ने कहा रूमी ने कहा था- जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं। तो आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा। एक दो गोले जरूर मारूंगा, लेकिन इतने नहीं मारूंगा। आप लोग रिलेक्स कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि तब बहुत सारे लोगों ने पूछा कि तुम क्यों चल रहे हो? तुम्हारा मकसद क्या है? शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं मालूम था कि मैं क्यों यात्रा कर रहा हूं। मैं लोगों को जानना चाहता था, उन्हें समझना चाहता था।
थोड़ी देर में मुझे बात समझ आने लगी। जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार, जिस चीज के लिए मोदी की जेलों में जाने के लिए तैयार। जिस चीज को मैंने हर रोज गाली खाई। उस चीज को समझना चाहता था. ये है क्या? जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे समझना चाहता था।
राहुल ने आगे कहा, हर रोज मैं 8-10 किलोमीटर चलता था। तो सोचता था कि मैं 20-25 किलोमीटर चल सकता हूं। मुझे अहंकार था। लेकिन भारत अहंकार को सेकेंड में मिटा देता है। दो तीन दिन में ही मेरे घुटनों में इतना दर्द हुआ कि मेरा अहंकार निकल गया। मेरा अहंकार भेड़िया से चीटी बन गया।
राहुल गांधी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुझसे एक किसान मिले। उन्होंने रूई देकर कहा राहुल जी मेरे फसल का बस यही बचा है। इसपर मैंने उनसे कहा कि आपको बीमा का पैसा नहीं मिला। उनसे कहा नहीं मुझे बीमा का पैसा नहीं मिला। राहुल ने कहा कि भारत के पूंजीपतियों ने बीमा का पैसा ले लिया। तब उस किसान का दर्द, चोट, तकलीफ मेरा दर्द बन गया। फिर मुझे कुछ सुनाई नहीं देता था मुझे केवल उस किसान की बातें सुनाई देती थी।
राहुल ने कहा, लोग कहते हैं कि ये देश है, कोई कहता है कि ये अलग अलग भाषाएं हैं. कोई कहता है कि धर्म है. ये सोना है। ये चांदी है। मगर सच्चाई है कि देश एक आवाज है। ये देश इस देश के लोगों की आवाज है। इस देश के लोगों का दुख, दर्द है। यदि हमें इन लोगों को दर्द सुनना है तो हमें अपने अंहकार को परे करना होगा। अहंकार को छोड़े बिना हम भारत की दर्द को नहीं सुन सकते। राहुल ने कहा कि अब आप सोच रहे होंगे कि ये बातें मैंने क्यों कही।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं मणिपुर गया। लेकिन प्रधानमंत्री नहीं गए। पीएम के लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। प्रधानमंत्री ने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया। मणिपुर के राहत कैंपों में गया। वहां की महिलाओं से बात की। एक महिला से मैंने पूछा कि आपके साथ क्या हुआ। मैं एक महिला का उदाहरण देता हूं। महिला ने बताया कि मेरे आंखों के सामने मेरे बेटे को गोली मार दी गई। मैं पूरी रात बेटे के लाश के रही। फिर मैंने अपना घर-बार छोड़ दिया। आज मेरे पास केवल ये कपड़ा है।
राहुल गांधी ने एक दूूसरी महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि एक महिला कांप रही थी। मैंने पूछा आपके साथ क्या हुआ। मेरे द्वारा ये पूछते ही महिला कांपते हुए मेरे सामने बेहोश हो गई। राहुल गांधी ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इन्होंने मणिपुर में हिन्दुस्तान की हत्या की। मणिपुर में हिन्दुस्तान का कत्ल हुआ है
राहुल के इस बयान पर सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया है। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू की। हंगामे के बीच राहुल गांधी ने कहा आपने भारत माता की हत्या की। आपने मणिपुर में भारत माता की हत्या की। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, मणिपुर में 7 दशक में जो हुआ, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. राहुल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
हंगामे के बीच राहुल गांधी ने कहा, जैसे मैंने भाषण की शुरुआत में बोला भारत एक आवाज है। भारत हमारी जनता की आवाज है। दिल की आवाज है। उस आवाज की हत्या आपने मणिपुर में की। इसका मतलब आपने भारत माता की हत्या मणिपुर में की।
राहुल ने आगे कहा कि आपने मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की। आप देशद्रोही हो। आप द्रेशप्रेमी नहीं हो. इसलिए आपके पीएम मणिपुर में नहीं जा सकते हैं. क्योंकि उन्होंने हिंदुस्तान की हत्या की है। भारत माता की हत्या की है। आप भारत माता के रखवाले नहीं हो, आप भारत माता के हत्यारे हो।