कार्ड कंपनियों में पक्ष में आया कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कार्ड कंपनियों के पक्ष में आया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब सभी बैंक अब क्रेडिट कार्ड के बिल में लेट होने पर पेमेंट फीस पर 36-50 प्रतिशत तक ब्याज वसुलेंगे।
किन ग्राहकों को बड़ा झटका
क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट में देरी करने वालों के लिए यह बुरी खबर है। जो ग्राहक अब समय पर अपने क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट नहीं करेंगे, उनसे बैंक लेट बिल फीस के तौर पर 36-50 फीसदी तक का ब्याज लेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 20 दिसंबर को यह आदेश जारी किया है। जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली बेंच बैंकों के पक्ष में यह फैसला सुनाया है। क्या है पूरा मामला
एनसीडीआरसी ने सात जुलाई 2008 को एक फैसले में कहा था कि क्रेडिट कार्ड यूजर्स से 36 से 50 फीसदी सालाना ब्याज लेना अधिक है। इसके साथ ही लेट पेमेंट फीस के लिए ब्याज की लिमिट 30 फीसदी पर तय किया गया था। अब शीर्ष कोर्ट ने एनसीडीआरसी के इस फैसले को खारिज कर दिया है। एनसीडीआरसी के इस फैसले के खिलाफ एचएसबीसी, सिटीबैंक और स्टैंडर्ड चार्ज बैंक सहित कई बैंकों ने अपील दायर की थी। 16 साल बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों के हम में फैसला सुनाया है।