CPCB Vacant Post: प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के 50% पद खाली, राजस्थान-MP-छत्तीसगढ़ में 60 फीसदी कर्मी नहीं
Central Pollution Control Board: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रदूषण नियंत्रण समितियों (PCC) में करीब आधे पद खाली पड़े हैं। राजस्थान, MP सहित 11 राज्यों में 60 फीसदी से अधिक पद रिक्त हैं।
Jobs Recruitment In CPCB: देश के महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक प्रदूषण कम करने की कवायद की जा रही है, लेकिन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रदूषण नियंत्रण समितियों (PCC) में करीब आधे पद खाली पड़े हैं। राजस्थान, MP, छत्तीसगढ़ सहित 11 राज्यों में 60 फीसदी से अधिक पद रिक्त हैं। सिक्किम में तो सभी पद खाली हैं। यह खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में दायर हलफनामे में हुआ।
हलफनामे के मुताबिक देश में SPCB और PCC में 11,562 स्वीकृत पदों में से 5,671 (49.04 फीसदी) खाली हैं। इनमें से कुछ दशकों से खाली पड़े हैं। पंजाब एसपीसीबी में एक पद 35 साल (423 महीने) से अधिक समय से खाली है। नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश ही ऐसे दो राज्य हैं, जिनमें सभी पद भरे हुए हैं। हलफनामे में सिक्किम सरकार ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को रोककर रखा गया है, क्योंकि राज्य धन आवंटित करने में असमर्थ है।
मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा SPCB
देश में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) एसपीसीबी में सबसे अधिक 1228 पद स्वीकृत हैं। राज्य में 783 पद अदालती कार्यवाही के कारण रिक्त हैं। सिक्किम में सबसे छोटा एसपीसीबी है, जहां केवल 11 पद हैं।
यह है जिम्मेदारी
सीपीसीबी और एसपीसीबी की स्थापना जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत की गई थी। एसपीसीबी की जिम्मेदारियों में जल प्रदूषण की जांच और अनुसंधान करना, जल प्रदूषण के मामलों पर राज्य सरकार को सलाह देना और कानून के अनुपालन की निगरानी करना शामिल है। बोर्ड में प्रशासनिक कर्मचारियों के अलावा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के पद शामिल हैं। सीपीसीबी और एसपीसीबी को वायु प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन (खतरनाक, बायोमेडिकल, ठोस अपशिष्ट) और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम की जिम्मेदारी भी दी गई है।
इन राज्यों में 60 फीसदी से अधिक पद रिक्त
राज्य स्वीकृत पद रिक्त पद प्रतिशत राजस्थान 808 488 60.39 सिक्किम 11 11 100 झारखंड 271 198 73.06 आंध्र प्रदेश 291 204 70.10
मध्य प्रदेश 1228 783 63.76 मणिपुर 119 75 63.02 छत्तीसगढ़ 328 204 62.19 उत्तराखंड 130 79 60.76 हरियाणा 450 273 60.67 गुजरात 430 260 60.46 कर्नाटक 723 437 60.44