ऑप्टिमस फार्मा का कहना है कि जल्द ही कैप्सूल के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। इस मामले में सलाहकार समिति 30 अक्टूबर को बैठक करेगी, जिसमें हल्के से मध्यम कोविड संक्रमण के इलाज के लिए मोलनुपिरवीर को आपातकालीन मंजूरी देने के लिए मर्क और रिजबैक अनुरोध पर विचार किया जाएगा।
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Coronavirus in india ) के इलाज के लिए मोलनुपिरावीर ओरल कैप्सूल के तीसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। दरअसल 18 मई, 2021 को हैदराबाद की फर्म को CDSCO, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की सिफारिशों के मुताबिक परीक्षण करने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ), डीजीएचएस और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से मंजूरी मिली थी।
अध्ययन के मुताबिक इलाज में शामिल में 78.4 फीसदी रोगियों को आरटी-पीसीआर निगेटिव पाया गया, जबकि प्लेसिबो समूह में यह संख्या 48.2 फीसदी थी। 30 अक्टूबर को अहम बैठक
सलाहकार समिति 30 अक्टूबर को अहम बैठक करेगी। इस बैठक में हल्के से मध्यम कोविड संक्रमण के इलाज के लिए मोलनुपिरवीर को आपातकालीन मंजूरी देने के लिए मर्क और रिजबैक अनुरोध पर विचार किया जाएगा।
ऑप्टिमस फार्मा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डी. श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य COVID-19 के लिए एक अत्याधुनिक और किफायती इलाज का विकल्प विकसित करना और न्यूनतम समय में बीमारी को बेअसर करना है।
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Coronavirus In India: त्योहार के बीच कोरोना ने फिर बढ़ाई चिंता, 55 दिन में डेल्टा हुआ दोगुना तो डेल्टा प्लस 11 गुना बढ़ा बता दें कि ऑप्टिमस पहली फार्मा कंपनी है, जिसमें फेज 3 के क्लिनिकल ट्रायल पेश किए। इस दवा पर अध्ययन देश में 29 अलग-अलग जगहों पर आयोजित किया गया था।
मौजूदा समय में भारत में कोरोना के इलाज के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। DCGI और SEC ने अब तक जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, स्पूतनिक वी और जाइडस कैडिला की वैक्सीन को अनुमति दी है।