वहीं अब जल्द ही भारतीय बाजारों में कोरोना से जंग के लिए कोविड कैप्सूल ( Covid Pills ) आने वाली है। इसके तीसरे फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है और किसी भी वक्त इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है।
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कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर औरंगबाद प्रशासन सख्त, टीका ना लगवाने वालों के लिए जारी किया अजीब फरमान इस मंजूरी के साथ ही मेड इन इंडिया ( Made In India ) कोविड कैप्सूल बाजार में उपलब्ध होगी। यानी एक कैप्सूल के जरिए भी कोरोना महामारी से जंग लड़ी जा सकेगी। ये कैप्सूल वैक्सीन का ही काम करेगी। ऐसे में जिन लोगों को सुई से डर लगता है या अब तक उन्होंने टीका नहीं लगवाया उनके लिए ये कैप्सूल बेहतर विकल्प होगा।
मध्यम से हल्के COVID-19 मामलों के इलाज के लिए एक ओरल एंटीवायरल दवा को जल्द ही आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिल जाएगी। कोविड स्ट्रैटजी ग्रुप, सीएसआईआर के अध्यक्ष डॉ राम विश्वकर्मा ने कहा कि मर्क की एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर (Molnupiravir) को आने वाले दिनों में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति मिल सकती है।
इतनी रह सकती है शुरुआती कीमत
विश्वकर्मा ने दवा की कीमत के बारे में बात करते हुए कहा कि, शुरुआत में इसकी कीमत 2000 रुपए से 4000 रुपए के बीच हो सकती है और बाद में कीमत 500 रुपए से 1000 रुपए तक कम हो सकती है।
उन्होंने कहा कि मोलनुपिरवीर का डेटा ब्रिटेन के रेगुलेटर की मंजूरी से पहले यहां रेगुलेटर के साथ बैठा रहा है। पहले से ही एसईसी इसे देख रहे हैं और मुझे लगता है कि वो अब तेजी से एप्रुवल प्राप्त करेंगे और इसलिए ये कहना सुरक्षित होगा कि अगले एक महीने के भीतर मर्क दवा के लिए एप्रुवल पर फैसला होगा।
उन्होंने कहा कि फाइजर की एक और गोली पैक्सलोविड (Paxlovid) में कुछ और समय लग सकता है। उन्होंने दावा किया कि इन गोलियों से बहुत फर्क पड़ेगा।
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बता दें कि मर्क की COVID-19 गोली पहले से ही अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से मजबूत प्रारंभिक परिणाम दिखाने के बाद समीक्षा के अधीन है।
गुरुवार को ब्रिटेन इसे ओके करने वाला पहला देश बन गया। यूके में 18 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्कों के लिए गोली को मंजूरी दी गई थी। हल्के से मध्यम कोविड-19 के मरीज दवा की चार गोलियां दिन में दो बार पांच दिनों तक लेंगे।