scriptआइए…हम बनें सुपर 25, जिम्मेदारी स्वीकार करें और लें सामूहिक विकास का संकल्प | Come… let us become Super 25, accept responsibility and pledge collective development | Patrika News
राष्ट्रीय

आइए…हम बनें सुपर 25, जिम्मेदारी स्वीकार करें और लें सामूहिक विकास का संकल्प

Patrika Special: देश के लिए सकारात्मक बदलावों की शुरुआत उसके नागरिकों से होती है। जब हर व्यक्ति इन्हें अपनाता है, तो विकास की नई कहानी लिखी जाती है। आइए हम सब नववर्ष पर संकल्प लें कि अपने अंदर बदलाव लाकर देश को एक नई दिशा देंगे।

नई दिल्लीJan 01, 2025 / 09:35 pm

Ashib Khan

Patrika Special: देश के लिए सकारात्मक बदलावों की शुरुआत उसके नागरिकों से होती है। जब हर व्यक्ति इन्हें अपनाता है, तो विकास की नई कहानी लिखी जाती है। आइए हम सब नववर्ष पर संकल्प लें कि अपने अंदर बदलाव लाकर देश को एक नई दिशा देंगे।

जिम्मेदारी स्वीकार करें और लें सामूहिक विकास का संकल्प

छोटे-छोटे प्रयास एक बड़ा बदलाव लाते हैं। बूंद-बूंद से सागर भरता है। यह सरल विचार हमारे जीवन और समाज के हर पहलू पर लागू होता है। वर्ष 2025 के स्वागत के साथ, यह समझने का समय है कि यदि हम खुद अपने लिए, अपने परिवार, अपने समाज और अपने देश के लिए चौथाई-चौथाई भागीदारी सुनिश्चित करें, तो यह साल न केवल परिवर्तनकारी होगा, बल्कि इतिहास में एक नई इबारत लिखेगा।
कल्पना कीजिए, हर नागरिक अपने दिन को चार स्तंभों—स्वयं, परिवार, समाज और राष्ट्र—में बांटने का प्रयास करे। यह महज समय का विभाजन नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का स्वीकार और सामूहिक विकास का संकल्प है। इस सोच को अपनाना किसी महायोजना की शुरुआत से कम नहीं होगा।
2025 का यह साल आपके जीवन और आपके देश को संवारने का संकल्प है। आइए, इसे बनाएं

इतिहास का सबसे प्रेरणादायक अध्याय

1-5 कदम अपने लिए…

स्वास्थ्य: ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन बसता है।’ अपनी दिनचर्या में योग, व्यायाम और पौष्टिक भोजन को शामिल करें—तंदरुस्ती का निवेश आज से शुरू करें।
अनुशासन: ‘समय को साधने वाले सफलता साध लेते हैं।’ अपने कार्यकलापों को व्यवस्थित करें। हर दिन की प्राथमिकताओं को तय करें, छोटे लक्ष्य बनाएं और अपने हर काम में स्थिरता बनाए रखें।

लक्ष्य: ‘सपने देखने का साहस करें और उन्हें हकीकत में बदलें।’ अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें और हर दिन एक कदम उन्हें पूरा करने की ओर बढ़ाएं।
ध्यान: ‘खुद से दोस्ती करें।’ दिन में 10 मिनट ध्यान करें, अपने विचारों को समझें और मानसिक शांति को प्राथमिकता दें।

सीखना: ‘रोज कुछ नया सीखना आत्मा को तरोताजा करता है।’ किताबों, अनुभवों और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से अपने ज्ञान की सीमा का विस्तार करें।
5-10 कदम परिवार के लिए…

साथ खाना: ‘एक साथ खाना, रिश्तों का स्वाद बढ़ाता है।’ हर दिन परिवार के साथ बैठकर भोजन करें और दिलों को जोड़ने का यह सरल कदम उठाएं।

समर्थन: ‘एकजुटता हर परिवार की ताकत है।’ परिवार के हर सदस्य को इसे महसूस करना चाहिए। घर के हर सदस्य के फैसलों और सपनों में उनके साथी बनें और उन्हें प्रोत्साहित करें।
जश्न मनाना: ‘छोटे पल, बड़े जादू करते हैं।’ खुशी मनाने का कोई भी अवसर जाने न दें। छोटी से छोटी उपलब्धि को सेलिब्रेट करें—केक काटें, फोटो लें, यादें बनाएं।

संवाद: ‘बातचीत रिश्तों की नींव है।’ रोज 15 मिनट बच्चों और बुजुर्गों से खुलकर बात करें, उनकी कहानियों और सपनों को सुनें।
साझा गतिविधियां: ‘खेलकूद और मौज-मस्ती रिश्तों को गहरा करते हैं।’ सप्ताह में एक दिन परिवार के साथ खेलें, फिल्म देखें या बाहर घूमने जाएं।

11-15 कदम समाज के लिए…

सेवा: ‘दूसरों की मदद आपकी सबसे बड़ी ताकत है।’ महीने में एक बार सामुदायिक सेवा करें— जरूरतमंदों को भोजन दें, बच्चों को पढ़ाएं।
साझा मंच: ‘मिल-जुलकर समस्याओं का हल खोजें।’ सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठकें करें, समाधान सुझाएं और स्थानीय बदलाव का हिस्सा बनें। यह आपकी भी जिम्मेदारी का हिस्सा है।

संवेदनशीलता: ‘सहानुभूति इंसानियत की पहचान है।’ हर व्यक्ति की भावनाओं का सम्मान करें, भेदभाव और आलोचना से बचें।
सफाई अभियान: ‘एक स्वच्छ मोहल्ला, एक स्वस्थ समाज।’ अपने इलाके को साफ रखें और दूसरों को भी इसमें भागीदार बनाएं।

समाज का हिस्सा बनें: ‘जरूरतमंदों का सहारा बनें।’ अपनी क्षमता के अनुसार दान करें—कपड़े, किताबें या फिर आप उनके साथ समय भी बांट सकते हैं।
15-20 कदम देश के लिए…

राष्ट्रीय धरोहर का सम्मान: ‘अपनी जड़ों से जुड़ें।’ ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करें, उनकी कहानियों को जानें और आने वाली पीढिय़ों को भी यह समझाएं।

मतदान करें: ‘लोकतंत्र की सफलता आपकी भागीदारी पर निर्भर करती है।’ लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें। हर चुनाव में मतदान करें, इसके लिए दूसरों को भी जागरूक करें।
रोजगार सृजन: ‘एक नौकरी, एक भविष्य।’ नए उद्यम शुरू करें या दूसरों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करें।

विकास में भागीदार बनें: ‘देश को आगे बढ़ाने में साथ दें।’ अपने विचारों को किसी मंच पर रखें। सरकारी योजनाओं में शामिल हों, सुझाव दें और विकास कार्यों का हिस्सा बनें।
जिम्मेदारी लें: ‘हर नागरिक का कत्र्तव्य है, हर जगह स्वच्छता।’ इसे अपना ध्येय बनाएं। सार्वजनिक स्थलों को गंदा करने से बचें, सफाई अभियान में भाग लें। 

21-25 कदम प्रकृति संरक्षण के लिए

पौधारोपण: ‘हर पेड़ धरती की सांस है।’ और ऑक्सीजन का स्रोत है। हर महीने एक पौधा लगाएं और उसे परिवार के सदस्य की तरह रखें।
पानी बचाएं: ‘हर बूंद कीमती है।’ हर दिन पानी का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करें। नल बंद रखें, रिसाव ठीक करें। वर्षाजल संचयन पर जोर दें।

पुनर्चक्रण (रीसाइकिल): ‘कचरे में भी खजाना है।’ प्लास्टिक, कागज और कांच का पुनर्चक्रण करें, कूड़े को जिम्मेदारी से निपटाएं।
ऊर्जा की बचत: ‘कम ऊर्जा खर्च, बड़ी बचत।’ घर में फाइव स्टार रेटिंग वाले उपकरणों के इस्तेमाल को तरजीह दें। अनावश्यक उपकरण बंद रखें और सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाएं।

प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान: ‘प्रकृति हमारी पूंजी है।’ प्रकृति ने हमें पर्याप्त मात्रा में संसाधन दिए हैं। अनावश्यक उपभोग से बचें और स्थायी जीवनशैली अपनाएं।

Hindi News / National News / आइए…हम बनें सुपर 25, जिम्मेदारी स्वीकार करें और लें सामूहिक विकास का संकल्प

ट्रेंडिंग वीडियो