छात्र संघ के चेयरमैन ने किया खुलासा
छात्र संघ के चेयरमैन विक्रम नानकानी ने बताया कि उन्होंने (अडानी) 16 साल की उम्र में मुंबई चले गए थे। उन्होंने 1977 या 1978 में शहर के जय हिंद कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन किया, उनके बड़े भाई विनोद भी उसी कॉलेज में पढ़ते थे लेकिन फिर भी उनका एप्लिकेशन खारिज कर दिया गया था। कॉलेज में सिलेक्शन नहीं होने के बाद उन्होंने अपना काम करना शुरू कर दिया और एक वैकल्पिक करियर अपनाया। दो साल तक मुंबई में हीरा छांटने का काम किया, जिसके बाद वे गुजरात चले गए।
कब शुरू की कंपनी?
गौतम अडानी ने 1998 में जिंसों में व्यापार करने वाली अपनी कंपनी शुरू की थी। अगले 2.5 साल में उनकी कंपनियों ने बंदरगाह, खदान, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, सिटी गैस, रिन्यूवेबल एनर्जी, सीमेंट और डेटा सेंटर जैसे सेक्टर्स में कदम रखा। आज गौतम अडानी का दुनिया में बड़ा नाम है।
बाउंड्रीज़ तोड़ कर बढ़ना होगा आगे
‘ब्रेकिंग बाउंड्रीज़: द पावर ऑफ पैशन एंड अनकन्वेंशनल पाथ्स टू सक्सेस’ पर बोलते हुए गौतम अडानी ने कहा कि जब वे 16 साल के थे तब उन्होंने अपनी पहली सीमा को तोड़ने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि मुझे पढ़ाई-लिखाई छोड़कर बिजनेस की ओर बढ़ना था, कई लोग पूछते थे, ‘‘आप मुंबई क्यों चले गए? आपने अपनी शिक्षा पूरी क्यों नहीं की?’ उन्होंने बताया कि मुझे इस शहर में कुछ करने का साहस मिला था। कारोबार के लिए मुंबई मेरा ट्रेनिंग प्लेस था। यहां पर मैंने व्यापार करना सीखा था। यह मुंबई ही है जिसने मुझे बड़ा सोचने के लिए सिखाया। आपको अपनी लाइफ में पहले अपनी सीमाओं से परे सपने देखने का साहस करना होगा।