मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कोई कानून केंद्र सरकार बनाती है, उसे कई वर्गों के विरोध का सामना करना पड़ता है। आखिर ऐसा क्यों है? उन्होंने कहा कि इससे पहले नोटबंदी और जीएसटी को लाने पर व्यापारियों ने विरोध किया। इसके बाद खेती कानूनों और CAA का भी विरोध हुआ। हर बार विरोध होने पर सरकार ये तर्क देती है कि संबंधित कानून लोगों को समझ नहीं आया। क्या हर चीज की समझ केवल इन्हें ही है?
सीएम ने आगे कहा, “वह अग्निपथ योजना के बिल्कुल खिलाफ हैं। यह बहुत दुखद है कि 17 साल का एक बच्चा फौज में जाएगा और 21 साल में पूर्व फौजी बन जाएगा। इस उम्र में तो उसकी शादी भी नहीं हुई होगी। वह फौज से बाहर आने के बाद कैंटीन से सामान लेने की सुविधाएं भी नहीं ले सकेगा। युवा कड़ी मेहनत करने के बाद फौज में भर्ती होते हैं और करीब 35 साल की आयु तक नौकरी करते हैं, जबकि नई योजना के तहत उन्हें इतनी ही मेहनत के बाद महज 4 साल के बाद ही फौज से हटना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के जरिए लाई गई यह स्कीम हमारे नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ के अलावा कुछ भी नहीं है। हम अपने नौजवानों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए इस योजना के खिलाफ बहुत जल्द विधान सभा में प्रस्ताव लेकर आएंगे। साथ ही कहा कि मेरी अपील है कि सारी पार्टियां हमारी इस मांग को लेकर हमारा समर्थन करें।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सदन को गुमराह किया जा रहा है। इसको लेकर कांग्रेस नेताओं और भाजपा के बीच भी तीखी नोकझोंक हुई। बता दें, अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इसको लेकर भारत के कई राज्यों में ट्रेनों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं भी सामने आई। वहीं कांग्रेस इस योजना के विरोध में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर रही है।