उन्होंने इस बोट के परिचालन को लेकर तमाम तकनीकी पहलुओं के निरीक्षण के साथ ही इनलैंड वॉटरवेज के विकास के लिहाज से अयोध्या में हो रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बटन दबाकर बोट संचालन की शुरुआत की तथा सरयू नदी में बोट पर सवार होकर नदी किनारे बने फ्लोटिंग जेटी व फ्लोटिंग बोट चार्जिंग स्टेशन का भी जायजा लिया।
योगी ने सरयू नदी में सोलर बोट के जरिए नौकायन भी किया तथा सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं तथा इनलैंड वॉटरवेज के हिसाब से विकसित की जा रही सुविधाओं का जायजा लेते हुए उनके बारे में जानकारियां प्राप्त कीं। सेलिंग जेटी के तौर पर कार्यरत ई-बोट चार्जिंग स्टेशन बनाए गए गंगा-6 को भी देखा तथा इसके बारे में जानकारी प्राप्त की।
उल्लेखनीय है कि यह सेलिंग जेटी 15 दिसंबर से अयोध्या में डेरा डाले हुए है तथा यह 20 बोट्स के बर्थिंग का माध्यम बन सकता है। सेलिंग जेटी पर इलेक्ट्रिक पावर चार्जिंग प्लग प्वॉइंट्स को भी विकसित किया गया है, जिसके जरिए सरयू नदी में चलने वाली ई-बोट्स की चार्जिंग व बर्थिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकेगा। 22 जनवरी के कार्यक्रम के साथ साथ आने वाले दिनों में पर्यटकों की बड़ी संख्या को देखते हुए सरयू नदी के नाव चलानेवाले 127 नाविकों को लाइफ जैकेट भी प्रदान किया गया।
देश में पहली बार अपनी तरह के अनूठा प्रयास है सोलर बोट
यूपीनेडा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस बोट को सरयू घाट के किनारे असेंबल किया गया है तथा देश के विभिन्न कोनों से इसके कल-पुर्जे व अन्य साजो-सामान मंगाए गए हैं। यह बोट पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। फिलहाल, एक बोट को कंप्लीट कर लिया गया है तथा आने वाले दिनों में ऐसी अन्य बोटों के नियमित संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।