यूपीए का बजट ‘शरीर की सूजन’ जैसा
पीएम मोदी ने ‘शरीर की सूजन’ का उदारहण देते हुए वर्तमान सरकार और यूपीए सरकार के बजट के बीच का अंतर समझाया। पीएम मोदी ने कहा, जैसे कोई कमजोर व्यक्ति होता है, जिसका वजन कम है, लेकिन उसके शरीर में किसी बीमारी के कारण सूजन आ जाए और पहले की तुलना में कपड़े छोटे होने लग जाए तो क्या हम उसे हेल्दी मानेंगे? देखने में वो हेल्दी लगेगा, लेकिन वह होता तो कमजोर है। ठीक इसी तरह 2014 से पहले के बजट का हाल था। यूपीए सरकार के बजट के दौरान बड़ी घोषणाएं इसलिए की जाती थीं कि जीडीपी की सेहत अच्छी दिखे। पर सच्चाई यह है कि यूपीए के बजट में जो घोषणाएं होती थी वो भी जमीन पर उतरती ही नहीं थी। ये लोग इंफ्रास्ट्रक्चर पर तय की गई घोषित राशि भी नहीं खर्च पाते थे। हमने 10 साल में इस स्थिति को बदला है।मैं अपनी बिरादरी में अपवाद
पीएम मोदी ने कहा कि मैं जिस बिरादरी से आता हूं, उस बिरादरी की पहचान बन गई है कि चुनाव से पहले जो बातें करते हैं, वो चुनाव के बाद भुला देते हैं, लेकिन मैं उस बिरादरी में अपवाद हूं। उन्होंने कहा, मैं जो कहता हूं वह करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी रेखा से 25 करोड़ लोगों को बाहर निकाला गया है और अब भारत का टारगेट वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर की इकोनॉमी है।यूपीए-राजग के बजट की तुलना की
- पीएम मोदी बोले, 2014 में यूपीए का अंतिम बजट 16 लाख करोड़ रूपए का था। आज बजट तीन गुना बढक़र 48 लाख करोड़ रूपए पहुंच गया है।
- 2014 में यूपीए सरकार का कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट 2 लाख करोड़ रुपए था। 10 साल बाद 2024 में कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट 5 गुना बढक़र 11.11 लाख करोड़ रुपए है।
- 2014 में 50 करोड़ कमाने वाली एमएसएमई को 30त्न कॉरपोरेट टैक्स देना होता था, आज यह रेट 22 फीसदी है।
- 2014 में कंपनियां 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देती थीं, आज 400 करोड़ रुपए तक की आय वाली कंपनियों के लिए यह रेट 25 फीसदी है।
- हमने यूपीए सरकार के 10 वर्षों की तुलना में रेलवे बजट को 8 गुना, राजमार्ग बजट को 8 गुना, कृषि बजट को 4 गुना और रक्षा बजट को दोगुने से अधिक बढ़ाया है।
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