दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के फैलने के खतरे के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 22 दिसंबर को ही जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राजधानी में क्रिसमस और नववर्ष के जश्न को लेकर कोई जमावड़ा नहीं होगा।
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इसके बाद डीडीएमए ने कहा था कि क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या के अवसर पर राजधानी दिल्ली में धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन कोविड के मुताबिक नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
डीडीएमए के मुताबिक, क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर धार्मिक स्थलों में उत्सवों और प्रार्थनाओं का आयोजन किया जा सकता है और लोगों को भी प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस दौरान कोविड-19 संबंधी मानक संचालन प्रक्रियाओं तथा तमाम दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।
घरों से बाहर नहीं निकले कई लोग
दिल्ली के विभिन्न गिरजाघरों में मध्यरात्रि को होने वाली प्रार्थना की बात करें तो रोमन कैथोलिक आर्चडायसी के आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस काउटो के मुताबिक इस वर्ष क्रिसमस पर बहुत से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले।
उन्होंने कहा कि भले ही गिरजाघरों में लोगों के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन पाबंदियों के बीच डीडीएमए के आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति में लोग ज्यादा घरों से नहीं निकले। कोरोना की मौजूदा स्थिति के कारण लोग थोड़े चिंतित हैं। हमने बड़ी संख्या में लोगों को नहीं देखा।
बता दें कि दिल्ली में लगातार कोरोना और ओमिक्रॉन के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। बीते दिन ही 180 नए कोरोना केस दिल्ली में सामने आने से हड़कंप मच गया था।