इससे पहले गुरुवार को हुई अहम सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चार धाम यात्रा की इजाजत दे दी थी। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने चारों धाम के लिए अलग-अलग भक्तों की संख्या निर्धानित की है। इसके तहत…
– 1200 भक्त बद्रीनाथ में रोजाना दर्शन कर सकेंगे।
-800 यात्री केदारनाथ में एक दिन में दर्शन कर सकेंगे
– 600 यात्री या श्रद्धालु गंगोत्री में दर्शन कर पाएंगे
-400 भक्त यमुनोत्री में एक दिन में दर्शन कर सकेंगे
इसके अलावा हर भक्त को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाने अनिवार्य होगा। कुंड में नहाने की अनुमति नहीं
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। यही नहीं किसी भी कुंड में श्रद्धालुओं को नहाने की अनुमति भी नहीं दी गई है। इसकी वजह से कोरोना को बताया गया है। दरअसल कुंभ के वक्त गंगा में स्नान को लेकर कई सवाल उठे थे। शायद यही वजह है कि इस बार कुंड में किसी को भी नहाने की मंजूरी नहीं दी गई है।
अदालत के निर्देश के मुताबिक चारों धामों में मेडिकल की पूरी सुविधा होना अनिवार्य है। मेडिकल स्टाफ, नर्सें, डॉक्टर, ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। यात्रा के दौरान सरकार मेडिकल हेल्पलाइन जारी करे, जिससे कि अस्वस्थ लोगों को स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं का आसानी से पता चल सके। बदरीनाथ में पांच, केदारनाथ में तीन चेक पोस्ट बनाने के निर्देश दिए गए।
यही नहीं कोर्ट ने अपने निर्देश में ये साफ किया है कि भविष्य में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली तो उत्तराखंड सरकार यात्रा को स्थगित कर सकती है।
चार धाम यात्रा के दौरान एंटी स्पीटिंग एक्ट पूरी तरह लागू रहेगा। इसके तहत तीन जिलों के विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए हैं कि वो यात्रा की निगरानी करें और उसकी रिपोर्ट हर हफ्ते कोर्ट में जमा कराएं।