अंतरिक्ष से जुड़े कई प्रोजेक्ट में निभाई अहम भूमिका
श्रीधर परिकर सोमनाथ को 4 जनवरी, 2022 को इसरो का चेयरमैन बनाया गया है। डॉ सोमनाथ ने 1985 में विक्रम सारा भाई स्पेस सेंटर से जुड़े थे। इसके बाद वे अंतरिक्ष से जुड़े कई प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका में रहे हैं। डॉ सोमनाथ लिक्वड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के निदेशक रहे हैं। इसके अलावा जीएसलवी-मार्क-3 के परियोजना निदेशक, पीएसएलवी के परियोजना मैनेजर रहे हैं। उन्हें रॉकेट स्टक्चरल सिस्टम, मैकेनिज्म, पायरो सिस्टम में दक्षता हासिल हैं।
पिता ने दी थी एस्ट्रोनॉमी और इंग्लिश की किताबें
एस सोमनाथ का जन्म 1963 में केरल के अलापूझा में हुआ था। उनके पिता हिंदी के टीचर थे। शुरुआती पढ़ाई स्थानीय शिक्षण संस्थानों से हुई। स्पेस के प्रति रुचि पैदा होने के लेकर वे कहते हैं मैं स्कूल से ही सूरज, चांद और तारों को लेकर कल्पना करते थे। उनके लिए पिता ने एस्ट्रोनॉमी और इंग्लिश की कुछ किताबें लेकर आते थे। उस समय उनको अंग्रेजी नहीं आती थी। उसके बाद सोमनाथ ने केरल के कोल्लम स्थित TKM कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उन्होंने बंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस (IISc) से पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया।
सोमनाथ ने जब टीचर से कहा ये भी पढ़ाइए
इसरो प्रमुख ने सोमनाथ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए गए थे, तब उन्होंने अपने अंदर स्पेस को लेकर रुचि विकसित की। कोई स्पेशलाइजेशन नहीं था। वे मैकेनिकल इंजीनियर था, जब मैंने ग्रेजुएशन किया। लेकिन कोर्स के दौरान मेरी रुचि प्रोपल्शन (Aerospace Engineering) में बढ़ी। उन्होंने अपने प्रोफेसर से पूछा आप कोर्स में प्रोपल्शन शामिल क्यों नहीं करते। इस पर उन्होंने कहा कि पहले वो स्टडी करेंगे और फिर उनको पढ़ाएंगे। इस प्रकार से कॉलेज में प्रोपल्शन की पढ़ाई शुरू हुई।