रिश्वत के आरोप में पूछताछ
सीबीआइ ने बुधवार को मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और जयपुर में मीणा के करीब 20 ठिकानों पर छापे मारे थे। आरोप है कि मीणा बिचौलियों के मदद से बैंकिंग चैनल और हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल कर रिश्वत लेता था। सीबीआइ के अनुसार, मीणा ने रिश्वत लेने की बात स्वीकार कर ली है। सीबीआइ में आए मामलों की जांच के दौरान मीणा रिश्वत के बदले संबंधित आरोपियों को केस से बाहर निकालने का प्रलोभन देता था। रिश्वत की रकम किशन अग्रवाल नामक बिचौलिया की मदद से ली जाती थी, जिसे बाद में हवाला के जरिए मीणा तक पहुंचाया जाता था।
15 लाख मुंबई और जयपुर में भिजवाए
सीबीआइ एफआइआर के अनुसार, किशन अग्रवाल पांच से छह करोड़ रुपए हवाला के जरिये ब्रजमोहन मीणा को दे चुका है। यह भी पता चला कि अग्रवाल ने हवाला ऑपरेटर पी उमेश के माध्यम से 27 नवंबर को 25 लाख और नौ दिसंबर को 15 लाख रुपए मुंबई और जयपुर में भिजवाए थे। आरोपी डीएसपी के रिश्तेदार ऐश्वर्य राम मीना ने कथित तौर पर जयपुर में पी उमेश अंगड़िया से रिश्वत की ये रकम ली थी।
38 लाख बैंकिंग नेटवर्क के रास्ते आए
मीणा के निर्देशों का पालन करते हुए 16 दिसंबर को कथित तौर पर दो संदिग्धों ने अग्रवाल को 38 लाख रुपए दिए और बैंकिंग चैनलों के जरिए कोलकाता के सौरभ लोहारुका द्वारा प्रबंधित खुश आइटी नेटवर्क के खातों में 38 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। अग्रवाल ने इन रकमों को नियमित कारोबारी लेनदेन के तौर पर छिपाने के लिए कई बैंक खातों में ट्रांसफर किया। अग्रवाल के पिता हरीश और मीणा के रिश्तेदार ऐश्वर्य सहित सभी संलिप्त व्यक्तियों को भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया गया है।
ED के असिस्टेंट डायरेक्टर पर भी आरोप
इससे पहले 22 दिसंबर को सीबीआई ने कथित तौर पर रिश्वतखोरी के आरोप में ईडी के एक असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप के खिलाफ मामला दर्ज कर छापेमारी की कार्रवाई की थी। सीबीआई ने बताया था कि उसकी इस कार्रवाई में कथित तौर पर ईडी के आरोपी अफसर के भाई के पास से चंडीगढ़ के पास एक जगह रिश्वत के 54 लाख रुपये बरामद किए गए थे। जो की आरोपी अफसर की गाड़ी में सवार था। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ था। आरोपी अधिकारी का भाई दिल्ली स्थित एक बैंक में वरिष्ठ पद पर कार्यरत है।