रचनात्मक तरीके निकालें, बुजुर्ग यात्रियों को रखें विशेष ध्यान
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एयरलाइंस के दिशा-निर्देशों में घटना से बाद की कार्रवाई तो बताई गई है लेकिन दुर्व्यव्हार रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं। इस पर बेंच ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि नशे में धुत्त यात्रियों की पहचान और उन्हें रोकने के लिए क्या किया जाता है? जज ने सुनाया अपना भी अनुभव
सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने जस्टिस सूर्यकांत के साथ एक घरेलू विमान यात्रा के दौरान का बुरा अनुभव सुनाया। उन्होंने कहा कि दो पुरुष यात्री पूरी तरह से नशे में थे। एक ने खुद को करीब 35 मिनट तक शौचालय में बंद कर सो गया जबकि दूसरा वमन थैली लेकर घूमता रहा। महिला क्रू और यात्री इस दौरान परेशान होते रहे। बाद में यात्रियों ने जैसे-तैसे शौचालय का दरवाजा खुलवाया।
सॉलिसिटर जनरल ने दिशानिर्देशों की जांच का आश्वासन दिया
केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को आश्वासन दिया कि यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार से निपटने के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों और परिपत्रों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें उचित रूप से संशोधित किया जाएगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के सुझावों पर भी गौर करने को कहा।