कोलकाता अस्पताल में भीड़ के बवाल पर HC की सख्त टिप्पणी
बंगाल सरकार के वकील ने अदालत को जानकारी दी कि जैसे ही अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की घटना की सूचना मिली, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और 19 लोगों को गिरफ्तार किया। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 7000 लोग अचानक ऐसे ही इकट्ठा नहीं हो जाते हैं, जिससे घटना की गंभीरता पर सवाल उठता है। कोर्ट में इस घटना से जुड़े वीडियो भी दिखाए गए, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया गया। अदालत ने मामले की विस्तृत जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
‘ऐसे डर के महल में डॉक्टर कैसे काम करेंगे’
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले में सख्त टिप्पणी की और कहा कि अगर ऐसे हालात बने रहते हैं, तो अस्पताल को बंद कर मरीजों को किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर देना चाहिए। कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब अस्पताल ही बंद होगा, तो हंगामे जैसी घटनाएं नहीं होंगी। कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि ऐसे डर के माहौल में डॉक्टर कैसे काम करेंगे।
14 अगस्त की रात को हुई थी तोड़फोड़
इसके अलावा, अदालत ने 14 अगस्त की रात आईजी अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के वीडियो भी देखे, जिससे स्थिति की गंभीरता को समझा जा सके। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।