‘छेड़खानी और गलत नज़रों का शिकार होना…’ – CM आतिशी
CM आतिशी ने लेटर में लिखा, ”पूरी दिल्ली कभी नहीं भूल सकती वो दिन जब हमारी माताएं बहनें-बेटियां बसों में असुरक्षित महसूस करती थीं। छेड़खानी और गलत नज़रों का शिकार होना जैसे उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी का एक हिस्सा बन गया था। बच्चियों का स्कूल और कॉलेज जाने और महिलाएं काम पर जाने से पहले सौ बार सोचती थीं कि क्या वे सुरक्षित लौट पाएंगी। हर घर में ये दर्द महसूस किया जाता था। AAP सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए बसों में 10,000 से ज्यादा मार्शल तैनात किए। बसों में तैनात हमारे मार्शल हर उस मां बहन बेटी के लिए उम्मीद थे।” ‘…ऐसे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए’
CM आतिशी ने एलजी से अपील करते हुए कहा, ‘आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि इस प्रस्ताव पर जल्द से जल्द अपनी स्वीकृति दें। ताकि उन 10,000 परिवारों में फिर से रौशनी लौट आए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में मार्शल तैनात हो सकें।
बस मार्शलों ने न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षा दी बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी दिया उनमें ये भरोसा भी जगाया कि अब कोई भी असामाजिक तत्व उनको तंग नहीं करेगा। लेकिन, फिर केंद्र सरकार के इशारों पर दिल्ली सरकार में बैठे कुछ अफ़सरों ने एक सज़िश के तहत पहले तो इन सभी मार्शलों की तनख्वाह रोकी और फिर 31 अक्टूबर 2023 को इन बस मार्शलों को उनकी नौकरी से भी हटा दिया गया। हमारी सरकार ने आपसे तब भी गुज़ारिश की थी कि ऐसे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए लेकिन दुर्भाग्यवश उन पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें तरक्की देकर और भी बड़े पदों पर बैठा दिया गया। आपकी स्वीकृति का इंतजार केवल इन मार्शलों को ही नहीं बल्कि मुझे और हमारी पूरी सरकार इन मार्शलों के परिवार और दिल्ली की सभी महिलाओं को है। हम सब आपकी सहमति का इंतजार कर रहे हैं।’