वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक Agriculture Accelerator Fund स्थापित करने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहाकि, पीएम विश्व कर्म कौशल सम्मान-परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सहायता के पैकेज की परिकल्पना की गई है, जो उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहाकि, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा।
श्री अन्न क्या है। श्रीअन्न को देवान्न भी कहते हैं। मोटे अनाजों को श्री अन्न का दर्जा दिया गया है। श्री अन्न को अनाजों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। लोगों की थाली में एक बार फिर मोटे अनाजों को लाने की कोशिश की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि, हम कई प्रकार के श्री अन्न उगाते हैं। इसमें ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना, चीना, और सामा आदि शामिल हैं। इन श्री अन्न को अब बड़े स्तर पर अपने भोजन का अंग बनाने की तैयारी पर काम किया जाएगा। इसके लिए हैदराबाद के भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाने की तैयाारी है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
वर्ष 2020 में भारत 41 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ विश्व में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है। एफएओ के आंकड़े अनुसार, देश के 20 से अधिक राज्यों में 9 प्रकार की फसलें खरीफ फसलों के रूप में उगाई जाती हैं। इनमें प्रमुख फिंगर बाजरा (रागी या मंडुआ), बाजरा (बाजरा), और ज्वार (ज्वार) हैं। मामूली बाजरा में फॉक्सटेल बाजरा (कांगनी या काकुन), बार्नयार्ड बाजरा (सावा या सनवा, झंगोरा), छोटा बाजरा (कुटकी), शामिल हैं। कोदो बाजरा (कोडोन), प्रोसो बाजरा (चीना) और ब्राउनटॉप बाजरा आदि शामिल हैं। राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश इसके प्रमुख उत्पादक हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहाकि, वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरूआत की जाएगी। गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है। इस मौके पर संसद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। यहां तक की संसद की कैंटीन में अब मोटे अनाज से बने कई तरह के व्यंजन उपलब्ध हो रहे हैं।
पिछले दिनों यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना का एलान किया था। इसके तहत राज्य सरकार इस वर्ष के दौरान मोटे अनाज के फायदे को बताने और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 110 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।