बताया जा रहा है बाघ ने हमला कर सब्जी के खेत में मौजूद मां-बेटे को मौत के घाट उतार दिया और शव को घसीटते हुए गन्ने की खेत की ओर ले गया। 32 वर्षीय बलुवा निवासी बबीता खेत में अपने 7 साल के बेटे के साथ खेत में मौजूद थे तभी बाघ ने इन पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने शोर मचाया तब वह बाघ भाग गया। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इस घटना के बाद से ग्रामीण सहमें हुए हैं।
वहीं, दो लोगों पर हुए हमले की सूचना मिलने के बाद जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो उन्हें ग्रामीणों का गुस्सा झेलना पड़ा। घटना को लेकर आक्रोशित ग्रामिणों ने वन विभाग के कर्मचारियों को बंधक बना लिया है। पिछले 26 दिनों से वन विभाग की टीम बाघ को खोजने में जुटी है। माना जा रहा है कि यह बाघ आदमखोर होने के कारण लगातार गांवों में जा रहा है। बता दें , बिहार सरकार ने आदमखोर बन चुके इस बाघ को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है।
बाघ पर काबू पाने के लिए सारी कोशिशें नाकाम होने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। नरभक्षी बाघ को मारने के लिए सात सदस्यीय टीम में जिसमें बगहा, बेतिया व मोतिहारी STF व जिला पुलिस के तेज तर्रार सात जवानों को अत्याधुनिक असलहों के साथ भेजा गया है।