सियासी चर्चाओं की माने तो महागठबंधन सरकार में भी मुख्यमंत्री का पद नीतीश कुमार के पास ही रहेगी। लेकिन इस बार उन्हें गृह मंत्रालय के पद का त्याग करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री के बाद राज्य का सबसे बड़ा ओहदा राजद के पाले में जा सकता है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम के साथ गृह मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जा सकता है।
इसके अलावा नई सरकार में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को भी शामिल किए जाने की चर्चा है। बता दें कि तेज प्रताप यादव हसनपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के खाते में जा सकता है। बता दें कि अभी स्पीकर का पद भाजपा के खाते में थी। लखीसराय विधायक विजय कुमार सिन्हा स्पीकर थे। जिनसे नीतीश कुमार की कई बार तकरार भी हुई थी।
वहीं बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले कई जानकारों का कहना है कि नई सरकार के गठन से पहले नीतीश कुमार और राजद तेजस्वी यादव के बीच एक अहम डील भी हुई है। इस डील के अनुसार 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के लिए मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे। हालांकि आधाकारिक तौर पर इस तरह के डील की कोई जानकारी किसी ओर से नहीं दी गई है। दूसरी ओर कुछ जानकारों ने याद दिलाते हुए कहा कि पिछले ही चुनाव में नीतीश ने कहा था कि यह मेरा आखिरी चुनाव है।
दूसरी ओर 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृ्त्व में बनी सरकार में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव सहित राजद के अन्य नेता मंत्रिमंडल में शामिल थे। ऐसे में करीब पांच साल बाद फिर से राजद के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल होने का अवसर मिलेगा। कांग्रेस और लेफ्ट के भी बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में मौका दिया जा सकता है। हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है।