भारतीय जनता पार्टी के विधायक, सांसद लगातार इस मामले में सरकार को घेर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार की ओर से जिम्मेदारों का बेतुका और अंसवेदशीन बयान सामने आ रहा है। जिससे लोगों का गुस्से और बढ़ रहा है। बिहार के मंत्री समीर महासेठ ने जहरीली शराब से हो रही मौत के मामले में बेतुका बयान देते हुए कहा कि पावर बढ़ाओ… सब बर्दाश्त कर लोगे…। नीतीश कुमार ने दो-टूक कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे।
गुरुवार को जहरीली शराब से राज्य में हुई मौतों पर लोकसभा में औरंगाबाद से भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं लोक सभा सांसद राजीव प्रताप रूडी और बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं लोक सभा सांसद संजय जायसवाल ने गुरुवार को लोक सभा में यह मसला उठाते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप कर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कार्रवाई करने की मांग की।
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भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार जहरीली शराब पिला-पिलाकर लोगों की सामूहिक हत्याएं करा रही है इसलिए उनके खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। सिंह ने कहा कि बिहार में अराजकता के हालात हैं, कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। राज्य में शराब माफिया और बालू माफिया हावी है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण शासन प्रशासन के साथ-साथ अपनी भाषा पर भी खत्म हो चुका है। इसलिए राज्य में महागठबंधन की सरकार को बर्खास्त कर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री का विकल्प बनना भूल जाइए, पहले बिहार को ठीक करिए। प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसा बयान दे रहा है, शर्मिदा हूं। भाजपा के नेता संजय जायसवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भी जहरीली शराब का मामला उठाया और कहा कि बिहार में पूरी तरह से शराब बंदी है, लेकिन राज्य में जहरीली शराब का घर-घर वितरण हो रहा है। इससे साफ है कि वहां की सरकार शराब बेचने वालों को संरक्षण दे रही है।
दूसरी ओर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस मसले पर सरकार की बचाव में आए। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा वाले 3-4 महीने पहले कहां थे, जब गोपालगंज कांड हुआ था तब भाजपा वाले मौन धारण किए हुए थे। तब कोई कुछ क्यों नहीं बोल रहा था? तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि आज केवल नाटक कर रहे थे। जब सत्र चल रहा हो तो बीच में इस तरह का नाटक करना उचित नहीं है। दरअसल, इनके पास कोई मुद्दा नहीं है, ये 2024 को लेकर डरे हुए हैं।
इधर बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं कि जहरीली शराब की वजह से दूसरे राज्यों में भी लोग मर सकते हैं। नीतीश कुमार ने बिहार में जब शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया, तो फिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में लोग जेल कैसे जा रहे हैं? हम शराबबंदी के समर्थन में हैं मगर इसकी समीक्षा किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर सदन में और भाजपा के विधायकों से क्षमा मांगनी चाहिए।
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इधर नीतीश ने शराब से हुई मौतों पर पूछे जाने पर कहा कि शराब को लेकर लोग खुद सचेत रहें। जो शराब पिएगा वो मरेगा। बिहार में शराबबंदी से पहले भी जहरीली शराब से लोग मरते थे। देशभर में जहरीली शराब से लोग मरते हैं, यह कोई नई बात नहीं है। मैंने अधिकारियों को कहा है कि गरीबों को न पकड़ें जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें। शराब बंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है।
इधर बिहार में शराब से हो रही मौतों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती और जब सदन में कोई इसको उठाता है तो उससे ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार का व्यवहार बदल गया है। बुधवार को नीतीश विधानसभा में शराब मामले पर सवाल उठाए जाने पर गुस्से से लाल हो गए थे।