नवादा जेल तोड़कर भागे थे अशोक
अशोक महतो की पहचान नवादा के ही दूसरे कुख्यात अपराधी और अगड़ों के डॉन अखिलेश सिंह से गैंगवार के जरिए बनी। बालू और पत्थर के कारोबार पर कब्जे की लड़ाई में अशोक महतो और अखिलेश सिंह गिरोह के बीच एक दशक लंबे खूनी संघर्ष में 200 से ज्यादा लोगों के खून सड़कों पर बह गए। दोनों के बीच खूनी संघर्ष को जातीय संघर्ष के रूप में देखा जाने लगा था। अगड़ों के नेता अखिलेश को भूमिहारों का नेता तो अशोक महतो को पिछड़ों का नेता मान लिया गया था। अशोक को यादव जाति का समर्थन प्राप्त था। गैंगवार के आरोप में नवादा जेल में बंद अशोक महतो को 2002 में उसके गिरोह के सदस्यों ने तीन पुलिस वालों की हत्या करके जेल से छुड़ा लिया था, उसे दोबारा 2006 में पकड़ा जा सका।
पिछड़ों के नेता हैं अशोक
अशोक की पहचान नवादा के ही दूसरे कुख्यात अपराधी और अगड़ों के डॉन अखिलेश सिंह से गैंगवार के जरिए बनी। बालू और पत्थर के कारोबार पर कब्जे की लड़ाई में अशोक महतो और अखिलेश सिंह गिरोह के बीच एक दशक लंबे खूनी संघर्ष में 200 से ज्यादा लोगों के खून बह गए। मरने वालों की जाति के आधार पर यह गैंगवार जातीय संघर्ष दिखने लगा जिसमें भूमिहार अखिलेश की तरफ और पिछड़े अशोक के साथ गिने गए। अशोक को यादव गिरोहों का भी साथ मिला।
राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के रचाई अशोक ने शादी
अशोक महतो 10 दिसंबर 2023 को जेल से रिहा हुए थे। अपराधिक पृष्ठभूमि के चलते अशोक चुनाव नहीं लड़ सकते इसलिए उन्होंने आनन-फानन में शादी की है ताकि वह खुद की बजाय अपनी पत्नी को चुनाव लड़वा सके। अशोक महतो पर एक वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर बन चुकी है। अब बिहार की राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा पूरे उफान पर है कि राजद उनकी पत्नी अनिता को मुंगेर से टिकट दे सकती है।
अशोक ने अपनी पत्नी बनाने के लिए रखी थी ये शर्तें
आदर्श दुल्हन के लिए अशोक महतो ने अपनी इच्छा सूची लोगों से बताई थी। दूल्हन की उम्र 25 वर्ष से अधिक की होनी चाहिए। मुंगेर की निवासी होनी चाहिए और एक शक्तिशाली वक्ता होनी चाहिए।
अशोक कर रहे हैं मुंगेर में रोड शो
अशोक महतो मुंगेर में रोड शो कर रहे हैं और लोगों को बता रहे हैं कि राजद ने उन्हें टिकट देने का वादा किया है। अशोक महतो ने शनिवार को 30-40 वाहनों के साथ एक रोड शो किया। इस रोड शो में उन्होंने गले में हरे रंग की पट्टी पहनी हुई थी जिस पर राजद का लालटेन चिन्ह भी था। हालांकि पार्टी इस दावे से इनकार करती है। राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने मीडिया से बातचीत करते हुए मंगलवार को कहा, हम नहीं जानते कि महतो को इस तरह के अभियान शुरू करने के लिए किसने अधिकृत किया क्योंकि ग्रैंड अलायंस में सीट-बंटवारे के समझौते को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।