विजय चौधरी से सदन को बताया कि रिक्तियों को भरना सरकार की प्राथमिकता में है। कोर्ट, कोरोना आदि ऐसे कई कारण रहे हैं, जिनसे बहाली की गति धीमी हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसा क्षेत्र है जहां निवेश होता है। इसमें खर्च हुई राशि का परिणाम बाद में सामने आता है। शिक्षकों की कमी का हवाला देते हुए शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, कि अभियान चलाकर शिक्षकों की बहाली की जा रही है। 6वें चरण के तहत अब तक करीब 42 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल चुका है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की बहाली के अलावा स्कूल भवनों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दो साल में स्कूल भवनों के निर्माण पर 7 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अह राज्य की हरेक पंचायत में प्लस टू स्कूल है, इसमें इटर तक की पढ़ाई होती है। 30 हजार शिक्षकों की बहाली कानूनी अड़चनों के चलते रुकी हुई थी। अब कोई अड़चन नहीं है। वहीं इंटर स्तरीय स्कूल के लिए 5300 पदों पर प्रधानाध्यापकों के पदों को भरने के लिए भी BPSC ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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उन्होंने सदन को बाताय कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के 8386 पद स्वीकृत किये गये हैं। प्रत्येक मध्य विद्यालय में एक पद है। 3 हजार अनुदेशकों की बहाली हो चुकी है, बाकी 5 हजार के लिए जल्द पात्रता परीक्षा का होगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 3000 शिक्षकों को 15 दिनों के अंदर नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। पहली बार बिहार में 40,000 से अधिक प्रधान शिक्षकों के पद पर बहाली हो रही है BPSC के माध्यम से इन पदों को जल्द भरा जाएगा।