तेजस्वी यादव ने कहा कि कि पिछले 50 वर्षों से वह एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं, उन्होंने जेपी और आरक्षण आंदोलनों में भाग लिया है। तेजस्वी ने आगे कहा, “मैं पूरे विपक्ष की ओर से बोलने का दावा तो नहीं कर सकता, लेकिन अगर विचार किया जाए, तो नीतीश जी निश्चित रूप से एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं। उनको 37 साल से अधिक का संसदीय और प्रशासनिक अनुभव है और उन्हें जमीनी स्तर पर और साथ ही अपने साथियों के बीच अपार समर्थन प्राप्त है।”
जब तेजस्वी से पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते हैं? इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा, “मैं यह सवाल माननीय नीतीश जी पर छोड़ता हूं। मैं पूरे विपक्ष की ओर से बोलने का दावा नहीं कर सकता, हालांकि माना जाए तो आदरणीय नीतीश जी निश्चित रूप से एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं।” डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का कहना है कि अगले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को एकजुट विपक्ष का चेहरा मानने पर सवाल तब से कई बार पूछा जा चुका है। हालांकि, नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने की उनकी कोई आकांक्षा नहीं है।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार विपक्षी एकता के लिए अच्छा संकेत है, यह दिखाता है कि अधिकतर दल देश के समक्ष खड़ी बड़ी चुनौती को पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों, अन्य प्रगतिशील राजनीतिक समूहों को संकीर्ण लाभ, हानि से परे देखना होगा और गणतंत्र को बचाना होगा। तेजस्वी ने भाजपा के ‘जंगल राज’ के आरोप को बेकार और बेमानी बताया।
बता दें, इससे पहले जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने बयान देते हुए कहा, “नीतीश कुमार का मुख्य ध्यान 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने पर है। उन्होंने कहा कि वह अगले सप्ताह बिहार विधानसभा में विश्वास मत के बाद विभिन्न दलों के नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करेंगे। अगर अन्य दल चाहें तो वह एक विकल्प हो सकते हैं।”