अग्निपथ योजना को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को फूंक दिया है, और रेलवे स्टेशनों व रेलवे ट्रेकों पर तोड़फोड़ कर रहे हैं। सैकड़ों लोगों ने इस योजना को वापस लेने की मांग के लिए ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों को जला दिया और तोड़फोड़ की। छात्र पिछले तीन दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। दानापुर रेलवे डिवीजन के डीआरएम प्रभात कुमार ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की वजह से रेलवे को 200 करोड़ का नुकसान हुआ है।
प्रभात कुमार ने आगे कहा, “उपद्रवियों ने ट्रेन के 50 डिब्बों और 5 इंजनों में आग लगा दी, जिससे सेवाओं में बाधा पैदा हुई। इसके अलावा प्लेटफॉर्म में घुसकर कंप्यूटर और अन्य तकनीकी सामान को तोड़ा भी गया।” बता दें, शुक्रवार को भभुआ रोड, गोपालगंज के सिधवालिया और छपरा रेलवे स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों के लगभग एक दर्जन डिब्बों में आग लगा दी गई। बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस के तीन डिब्बे जला दिए गए। सीवान जिले में प्रदर्शनकारियों ने एक रेल इंजन में आग लगाने की कोशिश की।
प्रदर्शन का सबसे अधिक प्रभाव पूर्व मध्य रेलवे पर पड़ा है जिसके अंतर्गत बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्से आते हैं। वहीं ट्रेनों में आगजनी और रेल परिसरों में गुरुवार और शुक्रवार को हुए उपद्रव को देखते हुए रेलवे ने 18 जून को कुल 315 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। पिछले तीन दिनों से जारी प्रदर्शन को देखते हुए बिहार सरकार ने 15 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इंटरनेट सेवा 19 जून तक बंद रहेगा। इस बीच नई अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार के छात्र-युवा संगठन आईसा-इनौस, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा और सेना भर्ती जवान मोर्चा ने शनिवार को बिहार बंद का ऐलान किया है।