बंगाल बीजेपी के नेताओं के दबाव में पार्टी ने वापस लिया टिकट
दरअसल, राजनीति के जानकार मानते हैं कि पवन के इस तरह से पीछे हटने की वजह बंगाल भाजपा नेताओं का दबाव है। उनका टिकट बंगाल बीजेपी के नेताओं के कहने पर ही पार्टी हाईकमान ने वापस ले लिया है। इसके साथ ही वहां पर बंगाली अस्मिता, बाहरी आदि मामला तूल पकड़ सकता था। ममता बनर्जी और कांग्रेस इस मामले को तूल देते इससे पहले ही भाजपा ने टिकट वापस ले लिया है।
बता दें कि भाजपा ने जिन चार भोजपुरी अभिनेताओं पर दांव लगाया है उसमें से तीन दिनेश लाल यादव निरहुआ, मनोज तिवारी और रवि किशन पहले से ही भाजपा के सांसद हैं। वहीं भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह को भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की है। लेकिन, पवन सिंह ने इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स हैंडल के जरिए ऐलान किया कि वह इस सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
पवन सिंह ने एक्स पर दी जानकारी
पवन सिंह ने रविवार को एक्स पर लिखा, ”भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का दिल से आभार प्रकट करता हूं। पार्टी ने मुझ पर विश्वास कर आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया लेकिन किसी कारणवश मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा।” उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना यह संदेश टैग किया है। इससे पहले शनिवार को पवन सिंह ने भाजपा द्वारा आसनसोल से लोकसभा का टिकट दिए जाने पर लिखा था, ”शीर्ष नेतृत्व को दिल से धन्यवाद।”
उन्होंने अपने ट्वीट में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा महासचिव विनोद तावड़े का आभार व्यक्त किया था। बता दें कि पवन सिंह बिहार के आरा के रहने वाले हैं। भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से टिकट दिया था। फिलहाल यहां से शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं।