दरअसल दिल्ली स्थित भारत मंडपम में भाजपा का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ.इस दौरान राष्ट्रीय परिषद के बैठक में भाजपा नेता के कार्यकाल को जून 2022 तक बढ़ाने के फैसले का प्रस्ताव रखा गया. इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों की ओर से मंजरी दी गई. जिसके बाद अब नड्डा लोकसभा चुनाव के बाद जून महीने तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे. हालांकि अभी संसदीय बोर्ड की ओर से इस पर मंजूरी मिलना बाकी है.
साल 2019 में जेपी नेता को पार्टी का वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया था और उसके बाद साल 2020 में उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप गई. जेपी नड्डा से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। जेपी नेता के कार्यकाल के दौरान पार्टी का शानदार प्रदर्शन रहा है।
नड्डा की चुनौती
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखा है जिसे हासिल करने की जिम्मेदारी नड्डा के कंधों पर होगी। वहीं एनडीए की ओर से 400 प्लस सीटों का लक्ष्य रखा गया है।
पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान नड्डा ने कहा कि हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछला दशक उपलब्धियां से भरा हुआ गुजारा है.आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है.साल 2014 में हमारी पांच प्रदेशों का सरकार थी और लंबे समय तक हम पांच राज्यों पर रुके हुए थे,लेकिन आज देश के 17 राज्यों में एनडीए की सरकार है जिनमें से 12 प्रदेशों में विशुद्ध भाजपा की सरकार है.